देहरादून । मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने उत्तराखंड में एक मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए 18 किलोमीटर तक पैदल सफर किया. ये मतदान केंद्र चमोली जिले के एक दूरदराज गांव में था. CEC ने इस बूथ तक खुद जाने का निर्णय लिया और पैदल ही चल दिए.
इस दौरान सीईसी का कहना था कि जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, उत्तराखंड में बूथों तक पहुंचना एक मुश्किल काम है, लेकिन सभी बाधाओं को हराकर चुनाव अधिकारी मतदान से 3 दिन पहले बूथों पर पहुंच जाते हैं.
एक बयान में सीईसी ने कहा- 'दुमक गांव में यह मतदान केंद्र दूरस्थ स्थान पर है. मैं उन मतदान कार्यकर्ताओं को प्रेरित करना चाहता हूं जिन्हें हर चुनाव से पहले ऐसे क्षेत्रों में पहुंचने के लिए लगभग तीन दिन लग जाते हैं.' सीईसी ने गांव में मतदाताओं का भी हौसला बढ़ाया.
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब नवनियुक्त सीईसी ने मिसाल कायम की है. इससे पहले मई में उन्होंने और चुनाव आयुक्तों ने एक साल में अवकाश यात्रा रियायतों की संख्या को घटाकर एक करने का निर्णय लिया था. इसके साथ ही आयोग ने फैसला किया है कि सीईसी और ईसी कोई आयकर लाभ नहीं लेंगे जो उन्हें वर्तमान में दिए जाने की व्यवस्था है.
गौरतलब है कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त (ईसी) अनूप चंद्र पांडे ने फैसला किया कि वे स्वेच्छा से भत्तों और विशेषाधिकारों को कम करेंगे. यह एक ऐसा माना जा रहा कदम है जिससे एक मिसाल कायम होने की उम्मीद है.