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राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बच्चों में खुलेगा विज्ञान विभाग संकाय , शोध भी कर सकेगें विद्यार्थी
वाराणसी ।काशी हिंदू विश्विद्यालय (बीएचयू) में संग्रहालय विज्ञान पर अलग विभाग संचालित करने के प्रस्ताव को विश्वविद्यालय के विजिटर और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है।
नए विभाग के खुलने के बाद छात्रों को इस पाठ्यक्रम में पढ़ाई के साथ-साथ शोध का भी अवसर मिलेगा। संग्रहालय विज्ञान पर अलग विभाग संचालित करने वाला बीएचयू देश का छठा विश्वविद्यालय बन गया है।
विश्वविद्यालय में हर साल संग्रहालय विज्ञान में स्नातकोत्तर, डॉक्टोरल, पोस्ट डॉक्टोरल में अध्ययन के लिए देश के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में छात्र आते हैं। विश्वविद्यालय में 1968 से शुरू हुई इस विषय की पढ़ाई के लिए शुरुआत में भारत कला भवन के अंतर्गत पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया था।
इसके बाद 1979 में इसे एमए डिग्री के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। हालांकि छात्रों की रुचि को देखते हुए 2006 में संग्रहालय विज्ञान अनुभाग को कला संकाय के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग से जोड़ दिया गया। संग्रहालय विज्ञान के पीजी पाठ्यक्रम में 15 सीटें हैं जिनमें से दो पेड सीट है। अब नए विभाग खुलने के बाद अब बीएचयू कला संकाय के विभागों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है।
संग्रहालय विज्ञान की प्रोफेसर उषा रानी तिवारी ने बताया कि इस विषय में शिक्षा प्राप्त करने के बाद विद्यार्थियों के पास संग्रहालय निदेशक, कंजरवेटर, सहायक आचार्य समेत अन्य कई पदों पर रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। कला संकाय प्रमुख प्रो. विजय बहादुर सिंह, प्रो. सुमन जैन ने संग्रहालय विज्ञान विभाग स्थापित होने पर खुशी जताई है।