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Agneepath scheme : योजना को लेकर युवाओं में क्यों है गुस्सा ? क्यों सड़कों पर हो रही है सरकार के खिलाफ नारेबाजी

Agneepath scheme : योजना को लेकर युवाओं में क्यों है गुस्सा ? क्यों सड़कों पर हो रही है सरकार के खिलाफ नारेबाजी


Agneepath Scheme: सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए सरकार द्वारा घोषित 'अग्निपथ' योजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने बुधवार को दिल्ली-अजमेर राजमार्ग को जाम कर दिया. इस व्यस्त राजमार्ग को जाम किए जाने से हाईवे पर दोनों तरफ घंटा भर वाहनों की लंबी कतार लगी रही. बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझा कर जाम खुलवाया.



योजना की घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही जयपुर में सेना भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर दिल्ली-अजमेर राजमार्ग को जाम कर दिया और अग्निपथ योजना के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने एक घंटे से अधिक समय तक राजमार्ग को अवरुद्ध रखा, जिससे दोनों ओर 2 किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिससे यात्रियों को काफी निराशा हुई. बाद में सड़क से जाम को हटाने के लिए पुलिस को कड़ा रुख अपनाना पड़ा.


क्यों है युवाओं को आपत्ति
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा देने के लिए अग्निपथ भर्ती योजना को मंजूरी दी थी. योजना के तहत भर्ती किए गए सैनिकों को सशस्त्र बलों में 'अग्निवीर' के रूप में शामिल किया जाएगा. 'अग्निपथ' मॉडल के तहत चार साल के लिए सेना, वायुसेना और नौसेना में अधिकारी रैंक (पीबीओआर) से नीचे के कर्मियों की भर्ती की जाएगी. भर्ती के बाद रंगरूटों को छह महीने तक प्रशिक्षण दिया जाएगा. युवाओं को सिर्फ चार साल के लिए भर्ती किए जाने पर आपत्ति है.



सशस्त्र बलों की नौकरी के लिए तैयारी कर रहे युवाओं ने बक्सर में रेलवे ट्रैक और बेगूसराय में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) को अवरुद्ध कर दिया. गुस्साए युवाओं ने बक्सर में रेलवे ट्रैक जाम करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्लेटफार्म नंबर एक पर सैकड़ों युवकों ने धरना दिया और रेलवे ट्रैक जाम कर दिया.


युवाओं का सवाल है कि सशस्त्र बलों में सिर्फ चार साल के लिए भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कोई भी दो साल से अधिक समय तक कड़ी मेहनत क्यों करेगा और वह भी कम वेतन पैकेज के लिए. उन्होंने कहा कि ऊपरी आयु सीमा भी 21 वर्ष निर्धारित की गई है, जो ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित लोगों के लिए कम है. सशस्त्र बलों की नौकरियों के लिए होड़ करने वाले मध्यम पारिवारिक पृष्ठभूमि के हैं, जिनमें ज्यादातर किसान हैं. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि अपनी युवावस्था के चार कीमती वर्ष बिताने के बाद, शेष 75% अग्निवीरों के पास रोजगार की कोई गारंटी नहीं होगी.