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आजमगढ़ : टिकट मिलने के बाद बाबा के शरण में पहुंचे दिनेश लाल यादव " निरहुआ "

आजमगढ़ : टिकट मिलने के बाद बाबा के शरण में पहुंचे दिनेश लाल यादव " निरहुआ "

आजमगढ़ । लोकसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी से टिकट मिलने के बाद रविवार को दिनेश लाल यादव भगवान शिव की श्रीचरणों में पहुंचे। यहां दिनेश लाल यादव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के दीर्घायु व अपनी जीत का आशीर्वाद मांगते हुए नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किया।

इस दौरान दिनेश लाल यादव ने कहा कि अखिलेश यादव को ईश्वर ने उन्हें आजमगढ़ छोड़ने के लिए ज्ञान दिया। कहीं न कहीं ईश्वर भी चाहते हैं कि आजमगढ़ भी भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े। जिससे यहां के रूके विकास कार्य गति पकड़ ले।

श्री यादव रविवार को गाजीपुर के पूर्व विधायक सुभाष पासी और भाजपा के स्थानीय नेताओं के साथ नगर से सटे प्रसिद्ध शिव मंदिर भवरनाथ पहुंचे। मंदिर में बाल योगी संजय जी महराज के निर्देशन में हवन पूजन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस दौरान उन्होंने नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किया। दिनेश लाल यादव सोमवार को सुबह 11 बजे अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। इसके लिए उन्होंने पूरे पूर्वांचल की जनता को भी आमंत्रित किया।
इस दौरान श्री यादव ने कहा कि आज उनको दोहरी खुशी है। आज प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ का जन्मदिन भी है। इसके लिए भी भवगवान शिव से उनके दीर्घायु होने की कामना की गयी है। सपा प्रत्याशी के चयन पर लगातार सस्पेंस बने रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश प्रत्याशी के चयन पर कन्फयुज है तो वह भी ईश्वर की कृपा है। ईश्वर जो चाहेगें वहीं होगा, लेकिन जनता यहां कमल खिलायेगी तो आजमगढ़ चमकने लगेगा।

कानपुर में राष्ट्रपति, पीएम और सीएम की मौजूदगी में बवाल के सवाल पर दिनेश लाल यादव ने कहा कि कुछ लोग थे जो नफरत फैलाना चाहते थे, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। प्रदेश में योगी जी की सरकार है और जो भी लोग इस घटना में शामिल है। उनके घरों पर ऐसा बुलडोजर चलेगा कि उनकी सात पीढ़ीयां दोबारा प्रदेश में दंगा करने को सोचेगें भी नहीं।

सपा विधायक रमाकांत यादव द्वारा श्रद्धा के खिलाफ बयान देने पर श्री यादव ने कहा कि रमाकांत हमारे चचाजी हैं। जो लड़कों के हाथ पकड़-पकड़ कर रक्षासूत्र काटते रहते हैं और कहते हैं होली हमारा त्यौहार नहीं है, तो कोई बात नहीं है। क्योंकि इस देश की जो सबसे बड़ी बात है आपकी जो भी मान्यता है आप उसके लिए आजाद हैं। भगवान में आस्था रखना या न रखना वो आपकी मर्जी है। अब आजमगढ़ की जनता को सोचना होगा कि ऐसा कोई नास्तिक आजमगढ़ में आकर प्रतिनिधित्व करेंगे, उसका जनता फैसला करेगी। लेकिन हम आस्तिक हैं और आस्था में विश्वास रखते हैं।