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क्या बिना अंतरिक्ष यान के तारों के बीच यात्रा संभव ?

क्या बिना अंतरिक्ष यान के तारों के बीच यात्रा संभव ?



नॉलेजपृथ्वी का पूरा जीवन तंत्र जिसमें मानव भी शामिल है, सूर्य पर या कहें कि सौरमंडल (Solar System) जैसे तंत्र पर बहुत निर्भर है. लेकिन एक समय आएगा जब सूर्य लाल तारा हो जाएगा और वह पृथ्वी तक को निगल सकता है ऐसे में हमें एक दूसरे तारे यानि सौरमंडल के तंत्र की जरूरत होगी.


ऐसे में क्या हमें किसी दूसरे तारे के पास जाकर उसके सौरमंडलीय तंत्र का हिस्सा बन कर मानव जाति को नहीं बचा सकते? आज जहां सौरमंडल से बाहर ही जाने में कई साल लग जाते हैं. अंतरिक्ष यान (Spacecraft) के जरिए किसी पास के तारे के निकट जाना ही बहुत लंबा समय लेलेगा. लेकिन एक अध्ययन में बताया गया है कि किसी दूसरे तारे तक की यात्रा (Interstellar Travel) बिना किसी अंतरिक्ष यान के भी संभव है.


किसी दूसरे तारे तक जाना आसान काम नहीं है. हमारे सबसे पास का तारा एल्फा सेंचुरी ही हमसे चार प्रकाशवर्ष की दूरी पर है. यानि वहां तक केवल प्रकाश को ही पहुंचने में चार साल लग जाते हें जबकि हमें गुरू ग्रह तक ही पहुंचने में पांच साल लग जाते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि पृथ्वी से बाहर कहीं सभ्यता (Extra-terrestrial Civilizations, ETC) है तो उसे भी इस तरह की अस्तित्व की चुनौती का सामना करना पड़ रहा होगा.


इसके अलावा कई तरह के अंतरिक्ष यान या स्टारशिप की भी बातें होती हैं कि जहां कई पीढ़ियों तक हम इंसान रह सकते हैं और तब तक सुदूर किसी आवासीय ग्रह की तलाश कर सकते हैं. लेकिन फिलहाल यह सब केवल कल्पना ही है. लेकिन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एस्ट्रोबायोलॉजी में प्रकाशित एक शोध लेख में बताया गया है कि दूसरे तारे के तंत्र में जाने के लिए इस तरह के यानों की हमें शायद जरूरत ना पड़े.


माइग्रेटिंग एक्स्ट्राटेस्ट्रियल सिविलाइजेसन एंड इंटरस्टेलर कॉलोनाइजेशन: इम्प्लिकशन्स फॉर SETI एंड SETA नाम के इस लेख में इसका समाधान खुले तैरते हे ग्रह, जिन्हें निष्कासित या दुष्ट (Rouge) ग्रह का जाता है, हो सकते हैं. इस शोधलेख की लेखक इरीना रोमनव्स्काइया होस्टन कम्यूनिटी कॉलेज में भौतिकी और खगोलविज्ञान की प्रोफेसर हैं.


रोमनवस्काइया ने प्रस्ताव दिया है कि पृथ्वी के बाहर की सभ्यताएं मुक्त तैरते हुए ग्रहों का अंतरतारकीय परिवाहन के तौर पर दूसरे ग्रह तंत्रों तक पहुंचने उन्हें खोजने और बस्ती बसाने के लिए उपयोग भी करते होंगे. वहीं दूसरी सभ्यताओं की खोज में भी इस तरह के प्रयास कुछ तकनीकी संकेत या शिल्पतथ्य छोड़ देते होंगे और यह अंतरतारकीय विस्थापन और अंतरतारकीय बस्ती बसाने के दौरान बनते होंगे. ये संकेत इनकी खोज में भी उपयोगी हो सकते हैं.


यह संभव है कि या तो मिल्की वे गैलेक्सी या अरबों गैलेक्सी में से किसी अन्य गैलेकसी में लावारिस ग्रहों की सतह के नीचे ग्रह के अंदर की गर्मी से महासागरों में अपने तरह का जीवन स्वरूप हो सकता है और जब ये किसी तारे के आने पर उससे गुरुत्व के जरिए जुड़ सकते हैं. इस तरह से ये ग्रह खुद को किसी ज्यादा आवासीय माहौल में स्थानांतरित कर सकते हैं. ऐसा ही कुछ कोई सभ्यता भी कर सकती है.


आमतौर पर निष्कासित या लावारिस ग्रह मुक्त तैरते हुए ग्रह होते हैं जो अंधेरे में , ठंडे और अनावासीय माने जाते हैं. वे ऐसे ही होते हैं यदि उनें सतह के नीचे गर्म महासागर नहीं हों तो. लेकिन इन ग्रहों में नियमित गुरुत्व होता है और बहुत सारी जगह और संसाधन हो सकते हैं. इनमें सतह के नीचे तरल पानी हो सकता है और अंतरिक्ष विकिरण से सुरक्षा भी. विकसित सभ्यता यहां के संसाधनों का उपयोग कर ऊर्जा स्रोत तक विकसित कर सकती है. जिस तरह से हम नियंत्रित संलयन की ओर जा रहे हैं. हो सकता है कि विकसित सभ्यता पहले से ही ऐसा कर रही हो जिससे एक बहुत ठंडा लावारिस ग्रह जीवन समर्थक ग्रह में बदल सकता है.