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पर्यावरण की समस्या भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए है : डॉ अरुण कुमार सक्सेना

पर्यावरण की समस्या भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए है : डॉ अरुण कुमार सक्सेना

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि पर्यावरण पर संकट उत्तर प्रदेश या भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए चुनौती है।


वातावरण में गर्मी बढ़ती जा रही है, इसका मुख्य कारण कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा का बढ़ना है।

उन्होंने कहा कि पश्चिमी सभ्यता की ओर भागने का नतीजा है कि हम प्रकृति और पर्यावरण के प्रति उदासीन हो गए हैं। कार्बन डाई ऑक्साइड को कम करने के लिए अधिक से अधिक संख्या में वृक्ष लगाने होंगे। वन मंत्री विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मर्करी हॉल में आयोजित 'कान्फ्रेंस ऑफ पंचायत-2022' को संबोधित कर रहे थे।

डा. अरूण सक्सेना ने कहा कि जलवायु परिवर्तन ब्रह्माण्ड में केवल पृथ्वी पर ही जीवन है इसलिए पृथ्वी पर एक परिवार की तरह रहें, तभी जीवन संभव है। पृथ्वी, नदी, वायु को साफ रखना हम सबका दायित्व है।

वन मंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में 100 करोड़ वृक्ष लगाये गये। आगामी पांच वर्षों में 175 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य प्रदेश सरकार ने रखा है। उन्होंने कहा कि एक अगस्त से 15 अगस्त तक स्कूलों, धार्मिक स्थानों पर ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण कराए जायें।

इस कार्यक्रम से सभी लोग जुड़ें तभी पर्यावरण को शुद्ध किया जा सकता है। उन्होंने ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि प्रदेश सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में अपना अधिक से अधिक सहयोग प्रदान करें।

कार्यक्रम में प्रदेश के वन (राज्य मंत्री) के0पी0 मलिक ने कहा कि हम 5 जून ही बल्कि 365 दिन पर्यावरण दिवस मनाकर प्राकृतिक संसाधनों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। धरती को वन की आवश्यकता है। चिंता की बात यह है कि जो परिवर्तन 15-20 वर्षों बाद अनुमानित थे वो अभी से दिखाई देने लगे हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियर तेजी से पिघल रहें हैं। ग्राम पंचायतें पर्यावरण को बचाने महती भूमिका निभा सकतीे हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन की भयावहता को हम देख रहें हैं। अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण फसलों पर दुष्प्रभाव पड़ा है। हमें आने वाली पीढ़ी के जीवन को बचाने के लिए पर्यावरण को स्वस्थ रखना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को स्वस्थ रखने के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगायें।