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साधारण बुखार ले सकती है जान ! भूलकर ना करें ऐसी गलतियां , जाने बचाव के उपाय

साधारण बुखार ले सकती है जान ! भूलकर ना करें ऐसी गलतियां , जाने बचाव के उपाय


नई दिल्ली: गर्मियों के मौसम के अंतिम दौर में बारिश दस्तक दे रही है. इससे लू की चपेट में आने का खतरा तो कम हो गया है, लेकिन इन नई खरते की घंटी बजना शुरू हो गई है.


गर्मियों और बरसात में फैलने वाली आम सी बिमारी डेंगू-मलेरिया से सतर्क रहने की जरूरत है. इन बिमारियों के आम होने के कारण लोग हमेशा इन्हें इग्नोर कर देते हैं, लेकिन कई बार इन बिमारियों से जान तक चली जाती है. इस लिए जान से इनसे बचने के उपाए.


दिल्ली में डेंगू के केस बढ़ रहे हैं. MCD ने डेंगू के मामलों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक, 1 जनवरी 2022 से लेकर 28 मई 2022 तक डेंगू के 111 मामले सामने आए हैं. वहीं इस दौरान मलेरिया के 18 मामले सामने आए हैं. राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में भी डेंगू-मलेरिया के मामले आ रहे हैं.

डेंगू कैसे होता है

मादा एडीस मच्छर के काटने की वजह से डेंगू होता है. यह मच्छर गंदगी में नहीं, बल्कि साफ जगह पर पनपते हैं. जो लोग शहरों में साफ-सुथरी जगहों पर रहते हैं उन्हें डेंगू का खतरा ज्यादा होता है. इस बिमारी के हो जाने पर सिर दर्द, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द, ठंड लगने के साथ बुखार चढ़ना, जी मचलाना, उल्टी लगना, आंखों के पीछे दर्द, स्किन पर लाल चकत्ते होना, मुंह का स्वाद खराब लगना आम बात है. अगर ऐसे लक्षण हैं तो डॉक्टर से मिलें.


- घर के अंदर और बाहर पानी जमा न होने दें
- पालतू जानवरों के और गार्डन में पानी देने वाले बर्तन को साफ रखें
- पानी की टंकी को अच्छी तरह से ढंकें
- कूलर और पानी की टंकी में हफ्ते में एक दिन पेट्रोल या मिट्‌टी का तेल डालें
- फ्रिज के नीचे रखी हुई पानी की ट्रे को रोज खाली करें


मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर जब किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटती है तो उसे मलेरिया हो जाता है. यह मच्छर गंदे और साफ दोनों तरह के पानी में पनपते हैं. अगर संक्रमित मादा मच्छर अंडे देती हैं तो उनके अंडे भी संक्रमित होते हैं. इसकी वजह से 14 से 21 दिन के अंदर संबंधित व्यक्ति को बुखार आता है. इसमें भी डेंगू जैसे ही लक्षण होते हैं. कई बार मलेरिया होने पर ठंड के साथ बुखार आती है.


- घर के बाहर या आसपास गड्ढे में पानी जमा न होने दें
- अगर गड्ढे से पानी निकालना संभव न हो तो उसमें मिट्टी का तेल डाल दें
- पानी वाली टंकी, मटका या बाल्टी को अच्छे से ढंक कर रखें
- कूलर का पानी तीन से चार दिन में बदलें
- पानी में छोटे-छोटे कीड़े (लार्वा) दिखाई दें तो सूखी जगह पर पानी को फैला दें