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देश भर में कावड़ यात्रा को लेकर गृह मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट
Kanwar Yatra 2022: इस बार कांवड़ यात्रा पर रेडिकल एलिमेंट्स का खतरा मंडरा रहा है. इसी के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने देश के सभी राज्यों को खुफिया तंत्र को ‘अलर्ट’ भी जारी कर दिया है.
जारी अलर्ट में यहां तक इशारा कर दिया गया है कि विध्वंसकारी ताकतें कांवड़ यात्रा में व्यवधान उत्पन्न करने के लिए किस-किस तरह की साजिशें अमल में ला सकती हैं? केंद्रीय खुफिया तंत्र के अलर्ट से सजग राज्यों के खुफिया तंत्र के भी कान खड़े हो गए. लिहाजा राज्यों के खुफिया तंत्र ने खुद अलर्ट होने के साथ-साथ राज्य पुलिस को भी सतर्क कर दिया है.
केंद्रीय खुफिया तंत्र ने तो इस दौरान ट्रेनों के ऊपर भी खतरा मंडराने का अलर्ट जारी किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ साफ लिखा है कि इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान रेडिकल एलिमेंट्स से होने वाले संभावित खतरे से सबसे ज्यादा चौकन्ना रहना है. केंद्रीय खुफिया विभाग से हासिल जानकारी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह एडवाइजरी जारी की है. सूत्रों की मानें तो प्राथमिकता के आधार पर भेजी गई यह एडवाइजरी राज्यों को मिल भी चुकी है.
एडवाइजरी हासिल होते ही राज्यों ने भी अपनी पुलिस और उसके स्थानीय सूचना तंत्र को अलर्ट कर दिया है. अलर्ट रहने के साथ-साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एहतियातन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त अर्धसैनिक सुरक्षाबल तैनात किए जाने की सलाह भी दी है. यह सुरक्षाबल स्थानीय पुलिस की मदद के लिए होगा. यूं तो गृह मंत्रालय ने यह दिशा-निर्देशिका सभी राज्यों को भेजी है. लेकिन उन राज्यों को विशेष तौर पर आगाह किया गया है जहां कांवड़ यात्रा का चलन ज्यादा है, इनमें उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश शामिल हैं.
एडवाइजरी में यूं तो कई बिंदुओं पर सतर्क रहने का इशारा खुलकर किया गया है. विशेष बात यह है कि ट्रेनों पर भी इस बार असामाजिक तत्वों की नजर पड़ सकती है. इस बात का उल्लेख जारी अलर्ट में विशेष रुप से किया गया है. ताकि ट्रेनों की सुरक्षा वक्त रहते एहतियातन और भी ज्यादा मजबूत की जा सके. इस अलर्ट से सभी राज्यों के रेलवे सुरक्षाबल भी अलर्ट हो गए हैं. क्योंकि देश के किसी भी राज्य की सीमा में ट्रेनों की सुरक्षा का पहला और सीधा जिम्मा रेलवे पुलिस बल का ही होता है. कांवड़ यात्रा से पूर्व इस तरह का अलर्ट आना कोई नई बात नहीं है. अगर नई बात है तो यह है कि इस बार उपद्रवी या कहिए विध्वंसकारी ताकतों की नजर भारतीय ट्रेनों पर भी पड़ सकती है.