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मिर्जापुर व्यापक पैमाने पर नकल कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ मुख्य सरगना अनिल यादव सहित 11 अन्य गिरफ्तार 5 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस 14 मोबाइल 4 बाइक सहित नकद रुपए बरामद किए गए
मिर्जापुर में पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक भर्ती परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह के 11 अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से पांच इलेक्ट्रानिक डिवाइस, मोबाइल और अन्य उपकरण बरामद हुए।मामले का खुलासा पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने किया।
राजस्थान इंटर कॉलेज में परीक्षा दे रहे अनिल यादव निवासी सिंहपुर थाना चोलापुर वाराणसी को इलेक्ट्रानिक डिवाइस व ब्लूटूथ से परीक्षा देते पकड़ा गया था। इसके बाद एसपी ने कटरा कोतवाल, एसओजी, स्वाट व सर्विलांस की टीमों को गठित कर भर्ती परीक्षा में सेंधमारी करने वाले 11 अन्य अभियुक्तों को कटरा कोतवाली क्षेत्र से गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपियों में अनिल यादव के अलावा सुनील यादव निवासी बरईमाना थाना केराकत जौनपुर, मो. अकरम निवासी सिंधौरा थाना सिंधौरा वाराणसी, अवनीश यादव निवासी बरईमाना थाना केराकत जौनपुर, मनोज यादव निवासी गड़खड़ा थाना सिंधौरा वाराणसी, विकास कहार निवासी लखमीपुर थाना जलालपुर जौनपुर, हीरा यादव निवासी बसंतपुर थाना सिंधौरा वाराणसी, मनीष यादव निवासी सिंहपुर थाना चोलापुर वाराणसी, करन कुमार निवासी शिवद्वार थाना घोरावल सोनभद्र, दिलीप यादव निवासी दाउदपुर थाना चोलापुर वाराणसी, जितेंद्र पाल निवासी नई बस्ती थाना पांडेयपुर वाराणसी, परमहंस पाल निवासी सिंधौरा थाना सिंधौरा वाराणसी को जेल भेज दिया।
इनके पास से पांच इलेक्ट्रानिक डिवाइस, तीन ब्लूटूथ, 14 मोबाइल, 36,750 रुपये, चार बाइक, दो मोबाइल चार्जर, पांच यूएसबी केबल बरामद किया।
नकल कराने की एवज में लेते थे तीन से पांच लाख रुपये
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा के अनुसार पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि इनका संगठित गिरोह है, जो कई जिलों में इलेक्ट्रानिक डिवाइस व ब्लूटूथ के माध्यम से नकल कराने का ठेका लेता है। इसके लिए प्रति अभ्यर्थी से तीन से पांच लाख रुपये वसूल करते हैं।
उसमें सिम कार्ड लगाने की व्यवस्था रहती है। परीक्षा से एक दिन पूर्व अभ्यर्थी को किसी स्थान, होटल पर बुलाकर कहां व कैसे यह डिवाइस मिलेगी, उसके बारे में बताया जाता है। परीक्षा केंद्रों पर उनके गिरोह में पर्यवेक्षण करने वाले एवं परीक्षा का संचालन कराने वाली संस्था के कर्मचारी भी शामिल रहते हैं। परीक्षा में लगे कर्मचारी द्वारा अभ्यर्थी को यह डिवाइस उपलब्ध कराया जाता हैं। अभ्यर्थी सिम कार्ड व चिप को बताए गए तरीके से लगाता है। ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी के माध्यम से दूर बैठे साल्वर गिरोह के सदस्यों से प्रश्नों का उत्तर पूछकर ओएमआर शीट पर अंकित करता है।