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रक्षाबंधन इस सालबहने 2 दिन 11 एवं 12 अगस्त को राखी बांध सकेंगी भाइयों की कलाई पर
भाई बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का पर्व रक्षाबंधन इस बार 11 और 12 अगस्त दोनों ही दिन मनाया जाएगा।कई दशक बाद दो दिन रक्षाबंधन का योग बन रहा है। कर्मकांड व ज्योतिष के विद्वानों के मुताबिक 11 को दिन में भद्रा के कारण रात में राखी बंधवाई जा सकती है।
पं. शरद चंद्र मिश्र और पं. जोखन पांडेय शास्त्री ने कहा कि 11 अगस्त को दिन में भद्रा होने से राखी नहीं बांधी जा सकेगी। इस दिन रात 8:25 तक भद्रा रहेगा। 11 की रात्रि 8:26 बजे भद्रा समाप्त होने के बाद से अगले दिन यानी 12 अगस्त की सुबह 7:25 बजे तक बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। विद्वानों का यह भी मत है कि 12 अगस्त का दिन शुभ है। इस दिन सौभाग्य योग बन रहा है। ऐसे में बहनें 12 को भी दोपहर तक भाइयों को राखी बांध सकती हैं। श्रावणी उपाकर्म 12 अगस्त को ही मनाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य पं. जितेन्द्र पाठक ने बताया कि पूर्णिमा की उदयातिथि 12 अगस्त को है। सुबह 7:25 बजे तक पूर्णिमा तिथि है। 11 अगस्त को पूर्णिमा शुरू हो रही है लेकिन सुबह 9:35 बजे से रात्रि 8:25 बजे तक भद्रा है। उदयातिथि 12 अगस्त को ही होने के कारण श्रावणी रक्षाबंधन का पुनीत पर्व उसी दिन मनाया जाएगा। यही शास्त्र सम्मत भी है। हालांकि 11 की रात्रि भद्रा समाप्ति के बाद रक्षाबंधन पर्व मनाया जा सकता है। इस दिन रवि योग सुबह 7:20 बजे तक है। रवि योग सभी दोषों का नाश करता है। सौभाग्य योग 12 को दोपहर 1:50 बजे तक है। सौभाग्य योग की वजह से 12 को दोपहर 1:50 बजे तक राखी बंधवाने में कोई नुकसान नहीं है।
ज्योतिर्विद पं. नरेंद्र उपाध्याय के मुताबिक राखी बांधते समय भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। सर्वप्रथम बहन को अपनी अनामिका अंगुली से भाई के मस्तक पर रोली का तिलक लगाकर अक्षत अर्थात साबुत चावल लगाने चाहिए। अक्षत अखंड शुभता को प्रदर्शित करते हैं। इसके बाद भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए उसके मंगल की कामना करनी चाहिए। भाई को भी आपकी बहन की रक्षा का प्रण लेते हुए उसे उपहार भेंट करना चाहिए।