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मथुरा सरकारी वृद्धावस्था पेंशन में समाज कल्याण विभाग का बड़ा घोटाला 2 हजार मृत लोगों के खाते में भेज दी पेंशन
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले का समाज कल्याण विभाग एक बार फिर से चर्चाओं में है. विभाग द्वारा कभी स्कूली छात्राओं की फर्जी तरीके से स्कॉलरशिप को डकार लिया जाता है तो कभी कॉलेज न होने पर भी स्कॉलरशिप फर्जी छात्रों के खातों में भेज दी जाती है.इस बार समाज कल्याण के अधिकारियों ने वृद्धा पेंशन के नाम पर चर्चा बटोरी है.
समाज कल्याण विभाग ने ऐसे लोगों को वृद्धा पेंशन ट्रांसफर कर दी, जिनकी मृत्यु हो चुकी है. विभाग के द्वारा एक नहीं, दो नहीं बल्कि हजारों लोगों को वृद्धा पेंशन का लाभ दे दिया गया. मामले का खुलासा तब हुआ, जब समाज कल्याण विभाग के द्वारा लोगों का सत्यापन कराया गया.
वहीं समाज कल्याण अधिकारी ने अपना पल्ला झाड़ते हुए यह बात कह डाली कि हर साल लोगों के खातों में पेंशन भेज दी जाती है. इस बार भी दो हजार मृतक लोगों के खातों में पेंशन की राशि भेज दी गई थी. सत्यापन में लोग मृत पाए गए हैं.
मामला मीडिया में उछलने के बाद अधिकारी मामले को दबाने में जुटे हुए हैं. अब सवाल यह खड़ा होता है कि जब वृद्धा पेंशन लोगों को देने से पूर्व रजिस्ट्रेशन होते हैं तो क्या उनका सत्यापन नहीं किया जाता है. अगर उनका सत्यापन होता है तो दो हजार मृतक लोगों के खातों में आखिर वृद्धा पेंशन की धनराशि कैसे पहुंच गई.
60 प्रतिशत लोगों के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी
समाज कल्याण अधिकारी नागेंद्र पाल ने कहा कि जिले में 70 हजार वृद्धा पेंशन लेने वाले लाभार्थी हैं, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक होती है, उनको वृद्धा पेंशन का लाभ दिया जाता है. जब उनसे यह सवाल किया गया कि मृतक दो हजार लोगों को कैसे पेंशन दी गई तो उन्होंने लीपापोती करते हुए कहा कि हर वर्ष सत्यापन किया जाता है. हर वर्ष में यह सत्यापन एक बार होता है. लगभग 60% सत्यापन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. दो हजार लोगों को पेंशन भेजी गई थी. दो हजार लोग मृत पाए गए हैं.