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वाराणसी में खतरे के निशान को छूने के लिए बेताब गंगा प्रशासन ने अलर्ट जारी किया पेट्रोलिंग हुआ शुरू
वाराणसी में गंगा का रुख अब डराने लगा है। गंगा का बढ़ता जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। कई घाट और आसपास के इलाके जलमग्न हो गए हैं। जिसके चलते प्रशासन अलर्ट पर है और पेट्रोलिंग शुरू कर दी है।
जलस्तर में बढ़ाव के चलते वरुणा में पलट प्रवाह तेज हो गया है और इसके कारण वहां की आबादी का पलायन भी शुरू हो गया है। घरों के दरवाजे तक पानी पहुंच गया है। वरुणा क्षेत्र के नखी घाट, दीनदयालपुर, मीरा घाट, में रहने वाली आबादी अपना-अपना बोरिया-बिस्तर बांधकर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगी हैं।
इधर, 84 घाटों को डूबो चुकी गंगा अब सड़कों व गलियों के रास्ते शहरी आबादी की ओर भी रुख कर चुकी हैं। दशाश्वमेध घाट स्थित अतिप्राचीन सिद्धपीठ शीतला माता मंदिर का अब कुछ ही हिस्सा पानी में डूबने से बचा हुआ है।
दूसरी ओर काशी के महाश्मशान घाटों पर शवदाह के लिए दिक्कत बढ़ गयी है। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्रघाट पर शवदाह के लिए दो से ढाई घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। मणिकर्णिका घाट पर जहां ऊंचाई पर स्थित मचान में चिताएं जल रही हैं तो दूसरी ओर हरिश्चंद्र घाट के ठीक ऊपर संकरी गली में शवदाह हो रहा है। वहां जगह कम होने के कारण एक बार में एक ही चिता जलायी जा रही है।