प्रयागराज बाढ़ के कारण शहर के तीनों रेलवे पुलो की निगरानी के साथ ही झूसी रेल ब्रिज पर रेलवे ने लगाया काशन यमुना पुल का सेंसर दे रहा पल-पल की अपडेट
शुक्रवार को गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे का
निशान पार करने के बाद से ही रेलवे ने अपने तीन महत्वपूर्ण पुलों की निगरानी बढ़ा दी है। यहां फाफामऊ रेल ब्रिज को छोड़ दिया जाए तो नैनी यमुना ब्रिज 157 वर्ष पुराना है तो वहीं दारागंज को झूंसी से जोड़ने वाला पुल भी 100 वर्ष से ज्यादा पुराना है।
2013 में आई बाढ़ के दौरान फाफामऊ रेल ब्रिज जो 25 वर्ष पुराना है, उसके तटबंध पर मिट्टी की कटान होने से रेल संचालन प्रभावित हुआ था। हालांकि इस बार तीनों ही रेल ब्रिज के तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित हैं, लेकिन बढ़ते जलस्तर की वजह से पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल ने झूंसी पुल पर कॉशन लगा दिया।
यहां अधिकतम 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही ट्रेन संचालित होंगी। मंडल के पीआरओ अशोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है। उधर, फाफामऊ रेल ब्रिज पर भी स्पीड नियंत्रित कर दी गई है। हालांकि रेलवे की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं आया है, लेकिन यहां शुक्रवार को अधिकतम 40 किमी की रफ्तार से ही ट्रेनें चलीं। यहां जलस्तर और बढ़ने पर रेलवे शनिवार को कॉशन लगा सकता है।