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कानपुर खपरा मोहाल पुल को कनपुरिया चूहे मिलकर  खा गए विभागीय भ्रष्टाचार का कोई हाथ नहीं पीडब्ल्यूडी ने नगर निगम से मांगी मदद

कानपुर खपरा मोहाल पुल को कनपुरिया चूहे मिलकर खा गए विभागीय भ्रष्टाचार का कोई हाथ नहीं पीडब्ल्यूडी ने नगर निगम से मांगी मदद



उत्तर प्रदेश ,,,   कानपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप अपने दांतों तले उंगली दबा लेंगे.यहां कैंट स्टेशन साइट पर बना खपरा मोहाल पुल इन दिनों चर्चा में है. ये पुल चर्चा में इसलिए है, क्योंकि पुल को विभाग के भ्रष्टाचार ने नहीं, बल्कि चूहों ने खा डाला है. खपरा मोहाल का पुल बारिश होते ही धंस गया. पीडब्लूडी अधिकारियों का कहना है कि ये पुल भारी भरकम चूहों की वजह से धंस रहा है. इसे लेकर PWD अधिकारी परेशान हैं और इस बाबत नगर निगम को मदद के लिए पत्र भी लिखा गया है.



कानपुर शहर के मुख्य पुलों में शामिल छावनी के खपरा मोहाल पुल का एक हिस्सा अचानक धस जाने से हड़कंप मचा हुआ है. इस पुल से रोजाना हजारों लोगों की आवाजाही होती है. ये पुल साल में दूसरी बार क्षतिग्रस्त हुआ है. यहां करीब 2 मीटर चौड़ा और 3 मीटर गहरा गड्ढा हो गया है. इस पुल के रखरखाव जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग की है. 



छावनी क्षेत्र में बना यह खपरा मोहाल पुल माल रोड को सेंट्रल स्टेशन से जोड़ता है. इसी पुल के जरिए हजारों लोग माल रोड और शुक्लागंज की ओर जाते हैं. लेकिन एक बार फिर से धसा पुल चूहों की वजह से धसा है.


पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की माने तो यह पुल चूहों की वजह से धस रहा है. पास में ही कानपुर सेंट्रल स्टेशन है, जहां पर भारी-भरकम चूहे इस पुल को कुतर कुतर कर भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं. पुल में भरी गई मिट्टी और राख बिल बनाने के लिए चूहे बाहर निकाल रहे हैं. चूहों से तंग आ चुके पीडब्ल्यूडी विभाग ने अब नगर निगम को पत्र भी लिखा है. इस पत्र में पुल के नीचे किए गए अतिक्रमण और गंदगी को हटाने की बात कही गई है. पीडब्ल्यूडी यहां लोहे की जाली बिछाकर चूहों के आतंक से मुक्ति पाने की जुगत में है.


खपरा मोहाल पुल का जनवरी 2016 में बनकर तैयार हुआ था. इस पुल का लोकार्पण तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने किया था. 643 मीटर लंबे और सात मीटर चौड़े इस पुल के निर्माण में 39.66 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.



 यह पुल 21 पिलर पर बना है. इस पुल की रिटेनिग वाल के बीच के दरार से ही चूहे अंदर घुसे और उन्होंने जो मिट्टी और राख डाली गई थी, उसे खोदकर धीरे-धीरे बाहर निकाल दिया.