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उत्तर प्रदेश मथुरा की जन्माष्टमी योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में अमृत महोत्सव पर खास होगी मथुरा की जन्माष्टमी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज लगातार दूसरे साल मथुरा में जन्माष्टमी मनाएंगे. उनके कार्यक्रम की शुरुआत वृंदावन से होगी. 19 अगस्त को वह यहां भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव में हिस्सा लेंगे और अन्नपूर्णा भवन का लोकार्पण करेंगे.वहीं देश में इन दिनों का आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है. ऐसे में इस बार मथुरा की जन्माष्टमी भी खास होने जा रही है. यहां नंदलाल के आगमन की खास तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है.
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ सवेरे 11 बजकर 35 मिनट पर गोरखपुर एयरपोर्ट से आगरा के खेरिया एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे. यहां से वो हेलीकॉप्टर से वृंदावन जाएंगे और करीब 1 बजे
वृंदावन पहुंचेंगे.
दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से लेकर 1: 55 तक उनका अन्नपूर्णा भवन वृंदावन में श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण का कार्यक्रम है. इसके बाद टीएफसी वृंदावन के लिए प्रस्थान करेंगे. दोपहर 2 बजे से साढ़े तीन बजे तक योगी आदित्यनाथ श्रीकृष्ण उत्सव में शामिल होंगे. वहीं अन्नपूर्णा भवन का लोकार्पण भी करेंगे. इसके बाद वो वापस मथुरा के रामलीला मैदान में बने हैलीपेड पर 3 बजकर 55 मिनट तक पहुंच जाएंगे. यहां से वो श्रीकृष्ण जन्मस्थान के लिए रवाना होंगे, जहां वो 4 बजे से साढ़े 4 बजे तक पूजा-अर्चना करेंगे. इसके बाद 4 बजकर 40 मिनट पर वो रामलीला मैदान से आगरा के लिए प्रस्थान करेंगे और वहां से 6 बजे लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे
सप्तपुरियों में से एक मथुरा का भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि होने के नाते अलग स्थान है. यहां 19 अगस्त को होने वाला जन्माष्टमी का आयोजन इस साल आजादी के अमृत महोत्सव के रंग में रंगा नजर आएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन को देखते हुए मथुरा को दुल्हन की तरह सजाया गया है. लगभग 750 कलाकार श्रीकृष्ण के पूरे जीवन को मंचों पर जीवंत करने के लिए तैयार हैं. इस क्रम में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, इस्कॉन मंदिर से लेकर बांके बिहारी मंदिर तक को सजाया-संवारा जा चुका है.
इस बार की कोशिश है कि मथुरा में सब कुछ वैसा दिखे जैसा द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय था. जैसे, भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान कंस के कारागार के रूप में नजर आएगा. इसके लिए मंदिर के गर्भगृह को कारागार का रूप दिया जा रहा है. जन्माष्टमी पर कहीं घुप अंधेरा रहेगा तो कहीं सोते हुए पहरेदार दिखाई देंगे. देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु इसे देखकर द्वापरयुग का अहसास कर सकेंगे.