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वाराणसी बाबा काशी विश्वनाथ आज भक्तों को दर्शन देंगे श्री कृष्ण के रूप में होगा विशेष श्रृंगार एवं आरती भगवान हर भी आज श्री हरि का रूप धरेंगे

वाराणसी बाबा काशी विश्वनाथ आज भक्तों को दर्शन देंगे श्री कृष्ण के रूप में होगा विशेष श्रृंगार एवं आरती भगवान हर भी आज श्री हरि का रूप धरेंगे



शिव की नगरी काशी में नटवर नागर के जन्मोत्सव का उल्लास जन-जन में बिखरने लगा है। कान्हा के जन्मोत्सव को मनाने के लिए घर-घर में तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। मठ-मंदिरों के साथ ही पुलिस लाइन में भी भगवान मध्य रात्रि में जन्म लेंगे और बाबा की नगरी पूरी तरह से कान्हा के रंग में रंग जाएगी।श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर जहां लड्डू गोपाल ने शिव का स्वरूप धारण किया है। वहीं, हर भी हरि का स्वरूप धारण करेंगे।



काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि श्रीकृष्ण रूप में बाबा विश्वनाथ की रजत प्रतिमा के दर्शन 19 अगस्त को टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर होंगे। विश्वनाथ मंदिर की स्थापना काल से चली आ रही लोक परंपरा के अनुसार प्रतिवर्ष जन्माष्टमी पर बाबा विश्वनाथ का श्रीकृष्ण रूप में विशेष शृंगार किया जाता है।



मंदिर का सरकार द्वारा अधिग्रहण किए जाने के पहले तक काशी की जनता भी इस विशिष्ट उत्सव में शामिल होती थी। बाद में सुरक्षा की दृष्टि से विश्वनाथ मंदिर सहित महंत आवास भी रेड जोन में आ गया था। ऐसे में आम लोगों को महंत आवास तक पहुंचने में दिक्कतें होने लगीं।


कुछ वर्षों में स्थिति यह हो गई थी कि जन्माष्टमी के उत्सव में काशी वासियों की सहभागिता नाम मात्र की रह गई थी। महंत आवास टेढ़ी नीम मोहल्ले में स्थानांतरित हो जाने के बाद से एक बार पुन: काशी वासियों को बिना किसी बाधा के बाबा के लोक उत्सवों में सम्मिलित होने का अवसर मिलने लगा है।


 19 अगस्त को हरि रूप में हर के शृंगार के दर्शन सायंकाल पांच बजे से आरंभ होंगे। इस अवसर पर पुनीत जेटली पागल बाबा, अराधना सिंह एवं पूनम श्रीवास्तव द्वारा शिव एवं कृष्ण भजनों की प्रस्तुति की जाएगी।


श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का उल्लास इस्कॉन मंदिर के साथ ही माहेश्वर भवन में भी नजर आएगा। अन्य मंदिरों में खासकर गोपाल मंदिर चौखंभा में जन्मोत्सव की खास तैयारियां की गई हैं। मध्य रात्रि में श्रीकृष्ण के जन्म के साथ ही उल्लास का रंग परवान चढ़ेगा।


घरों में भी श्रीकृष्ण की झांकी सजाने के लिए देर रात तक तैयारियां चलती रहीं। बाजार में लोग देर रात तक खिलौने, झांकी सजाने के सामान, फल-फूल की खरीदारी में व्यस्त रहे।