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लखीमपुर खीरी रेप मर्डर : नाबालिगों का हुआ अंतिम संस्कार ,सभी आरापितो को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में नाबालिग बहनों के साथ हुए रेप और हत्या के सभी छह आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.सभी आरोपियों को लखीमपुर खीरी जिला जेल में रखा गया है.
बुधवार को आरोपियों ने दोनों दोनों नाबालिगों की रेप के बाद हत्या कर शव को पेड़ से टांग दिया था. घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है.
पोस्टमॉर्टम में दोनों बहनों से रेप के बाद गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है. देर शाम प्रशासन से मिले आश्वासन के बाद परिजनों ने दोनों बहनों का अंतिम संस्कार कर दिया. पीड़ित परिवार ने मुआवजे और नौकरी की मांग की थी.
उधर, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, एक पक्का घर और खेती के लिए जमीन का एक टुकड़ा देने की घोषणा की. इसके साथ-साथ सीएम योगी ने निर्देश दिए कि मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में तेजी से सुनवाई की जाए और दोषियों को एक माह के अंदर सजा दिलाने का प्रयास किया जाए.
घटना के बाद विपक्ष ने कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य की BJP नीत सरकार की आलोचना की है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष सतीश अजमानी के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उसे इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया.
कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने बताया कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने लखीमपुर की जघन्य घटना और राज्य में भाजपा शासन में धवस्त कानून-व्यवस्था के विरोध में यहां पार्टी प्रदेश कार्यालय से जीपीओ तक कैण्डल मार्च निकाला और पीड़ित परिवार को शीघ्र न्याय की मांग की.
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, 'लखीमपुर में दिन-दहाड़े, दो नाबालिग दलित बहनों के अपहरण के बाद उनकी हत्या, बेहद विचलित करने वाली घटना है. बलात्कारियों को रिहा करवाने और उनका सम्मान करने वालों से महिला सुरक्षा की उम्मीद की भी नहीं जा सकती. हमें अपनी बहनों-बच्चियों के लिए देश में एक सुरक्षित माहौल बनाना ही होगा.' पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात के बिलकीस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों की रिहाई की ओर इशारा कर रहे थे. गुजरात की भाजपा सरकार ने अपनी छूट नीति के तहत इस कांड के दोषी लोगों की रिहाई की अनुमति दी थी.
पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 323 (जानबूझकर पहुंचाना), 376 (बलात्कार) और 452 (चोट, हमला या गलत तरीके से रोकना) तथा पोक्सो अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया है. उसके अनुसार एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधानों को भी प्राथमिकी में शामिल किया गया है. दोनों लड़कियों के शव जिला अधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह और पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन तथा अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में उनके घर के नजदीक एक खेत में दफन कर दिए गए.