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2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी और संघ का रणनीति एजेंडा तय हुआ

2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी और संघ का रणनीति एजेंडा तय हुआ


2024 के चुनावी रण, नीति और संघ-BJP की रणनीति का एजेंडा तय हो चुका है. संघ और संगठन की जुगलबंदी से 2024 की जो लड़ाई लड़ी जानी है, उसमें योगी और उनके करीबियों की भूमिका अहम होगी.


प्रभारियों की लिस्ट में सबसे ‘बड़ा खेल’ दो राज्यों में हुआ है, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल. BJP ने तेलंगाना में तरुण चुघ और बंगाल में मंगल पांडेय को प्रभारी नियुक्त किया है. अगस्त के पहले हफ़्ते में इन दोनों राज्यों का प्रभार राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल को दिया गया था. हालांकि अभी भी बंसल मॉनिटरिंग करते रहेंगे . यूपी के संगठन मंत्री के बाद उन्हें प्रमोशन देकर तीन राज्यों की कमान दी गई है.



 यूपी से दिल्ली तक पावर सेंटर के आसपास रहने वाले लोगों के बीच चर्चा है कि इस लिस्ट में BJP ने समन्वय दिखाने की कोशिश की है. इसी के तहत उन लोगों पर मेहरबानी दिखाई गई है, जो संघ के करीबी हैं औरजिनकी छवि साफ-सुथरी है. लेकिन, बंसल के हाथों से 2 राज्यों का प्रभार वापस लेने पर ये माना जा रहा है कि संघ से लेकर संगठन तक उनकी पकड़ कमज़ोर हो रही है.


हाईकमान को बंसल के धुर विरोधी माथुर-वाजपेयी पर भरोसा


 2017 में यूपी के प्रभारी रह चुके वरिष्ठ नेता ओम माथुर को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया है. माथुर को संगठन की एकजुटता, अनुशासन और चुनावी रणनीतियों के लिहाज़ से अहम माना जाता है.


 लिहाज़ा संगठन से लेकर चुनावी रणनीतियों तक उनकी भूमिका बहुत अहम होगी. इसी तरह यूपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा के चीफ़ व्हिप लक्ष्मीकांत वाजपेयी पर भी BJP ने बड़ा भरोसा जताते हुए उन्हें झारखंड का प्रभारी बनाया है.


झारखंड मौजूदा वक़्त में ऐसा राज्य है, जहां BJP सत्ता में आने के लिए जी-तोड़ कोशिशें और तमाम दांव-पेच आज़मा रही है. यहां 2024 में चुनाव होने हैं. तब तक पार्टी को मज़बूत करने और हो सकता है कि चुनाव से पहले ही कुछ ‘खेल’ करके ‘कमल’ को सत्ता में लाने की दिशा में उन पर अहम ज़िम्मेदारी होगी