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यूपी में ग्राम पंचायत को सशक्त होने से ही पांच ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य होगा पूरा: सीएम योगी

यूपी में ग्राम पंचायत को सशक्त होने से ही पांच ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य होगा पूरा: सीएम योगी

एजेंसी डेस्क

 लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्मार्ट ग्राम पंचायत विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन मौके पर कहा कि देश के सबसे ज्यादा गांव उत्तर प्रदेश में स्थित हैं।

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पांच ट्रिलियन इकोनॉमी के संकल्प में निःसन्देह राज्यों की भी भूमिका होगी। ये सार्थक तब होगा जब हमारी ग्राम पंचायतें सशक्त होंगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम तकनीकी से जोड़कर अपने ग्राम पंचायतों को स्मार्ट बना सकते हैं। जीडीपी में एक फीसदी से अधिक की बढ़ोत्तरी करनी है तो वो हाई स्पीड इंटरनेट और वाईफाई के माध्यम से ही हो सकता है।

उत्तर प्रदेश में अभी तक औसत 32 फीसदी की ही इंटरनेट की सुविधा है। इसे अगर हम 85 से 90 फीसदी पर ले जाएं तो स्वतः स्फूर्त से यह जीडीपी सात से आठ प्रतिशत तक हो सकती है।

हमने गोरखपुर में कल ही टेलीमेडिसिन के लिए हेल्थ एटीएम का शुभारंभ किया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2017 के पहले डॉक्टर्स ही नहीं होते थे। हमने इसके लिए आयुष के साथ जुड़कर 2020 के बाद से हर बीमारी के स्पेशलिस्ट चिकित्सकों को जोड़ कर कार्य शुरू किया।

उत्तर प्रदेश में आज हर रविवार को करीब तीन-चार लाख लोग मुख्यमंत्री आरोग्य मेला के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। हेल्थ एटीएम भी इसी टेली कंसल्टेंसी के साथ जुड़ा है। घर बैठे कहीं से भी कंसल्ट कर सकते हैं। ये सारे एटीएम सीएसआर के माध्यम से लगाये जा रहे हैं।

योगी ने कहा कि गांव में आज ग्राम सचिवालय का निर्माण हो रहा है। 58 हजार ग्राम पंचायतों में आज 24 हजार ग्राम सचिवालय बन चुके हैं। यहां बीसी सखी,पंचायत सहायक कार्य कर रहे हैं। इन सबसे डिजिटल लिटरेसी बढ़ रही है। 243 प्रकार की सेवाएं हमारी ग्राम पंचायत जल्दी देना शुरू करेंगी।

हर ग्राम पंचायत में पीएम आवास, शौचालय है। आज उत्तर प्रदेश के किसी गांव में जाएं तो एलईडी लाइट स्ट्रीट लाइट्स जगमगा रहे हैं। इसी मौसम में पूर्वी उत्तर प्रदेश और गोरखपुर क्षेत्र में इंसेफ्लाइटिस महामारी होती थी। कल मैंने आंकड़े देखे तो अब तक इंसेफ्लाइटिस से 40 मामले आये, मौतें शून्य थी। बदलाव लोगों को दिख रहा है। 40 वर्षों तक ये प्रक्रिया चलती रही। आज डबल इंजन की सरकार ने इंसेफ्लाइटिस की मौतों को शून्य स्तर पर ले आ चुकी है।

हर ग्राम पंचायतों में संभावनाएं मौजूद हैं। गांव में अमृत सरोवर बन रहे हैं। इनसे जलस्तर बढ़ेगा। आमदनी का जरिया बनेगा। मत्स्य पालन होगा। हम अपनी ग्राम पंचायतों में अतिरिक्त भूमि का बंदरबांट करने के बजाय उसके आय का जरिया बना सकते हैं। ये स्वतः जिम्मेदारी होती है।