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ज्ञानवापी केस: हिंदुओं के पक्ष में कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला पूरा भारत है खुश; घी के दिए जलाने का दिन है याचिकाकर्ता मंजू ब्यास ने कहा नंदी बाबा को सब्र का फल मिला है

ज्ञानवापी केस: हिंदुओं के पक्ष में कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला पूरा भारत है खुश; घी के दिए जलाने का दिन है याचिकाकर्ता मंजू ब्यास ने कहा नंदी बाबा को सब्र का फल मिला है


एजेंसी डेस्क
उत्तर प्रदेश की वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में फैसला हिंदु पक्ष के पक्ष में सुनाया है. वहीं हिंदु पक्ष जहां कोर्ट के फैसले का स्वागत कर कहा है तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट का रुख करने की बात रही है.


कोर्ट के फैसले पर हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता मंजू व्यास झूमती-नाचती नजर आईं. उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मेरे हिंदू भाइयों और बहनों को जश्न मनाने के लिए दीये जलाना चाहिए. वहीं ज्ञानवापी मस्जिद मामले में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने भी फैसले को हिंदू समुदाय की जीत बताया.


ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट के फैसले पर हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता मंजू व्यास ने खुशी जताई. उन्होंने फैसले आने से पहले भी कहा कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा. मंजू व्यास ने कहा कि भारत आज खुश हैं, मेरे हिंदू भाइयों और बहनों को जश्न मनाने के लिए दीये जलाना चाहिए. फैसले की खुशी में हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता मंजू व्यास ने नाचती और जश्न मनाती हुईं नजर आई. वहीं कोर्ट के फैसले पर ज्ञानवापी मस्जिद मामले में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा कि यह हिंदू समुदाय की जीत है. अगली सुनवाई 22 सितंबर को है. यह ज्ञानवापी मंदिर की आधारशिला है. लोगों से शांति बनाए रखने की अपील.हिंदू पक्ष के वकील ने क्या कहा?


वहीं ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट ने हमारी बहस को मान लिया है. मुस्लिम पक्ष के आवेदन को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि याचिका सुनवाई योग्य है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. दरअसल ज्ञानवापी श्रंगार गौरी विवाद मामले में फैसला सुनाते हुए ज़िला जज ए.के. विश्वेश की एकल पीठ ने कहा कि मामला सुनवाई योग्य है.

संवेदनशील मामले में सुरक्षित रखा गया था फैसला

वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में मुस्लिम पक्ष की मामले की पोषणीयता संबंधी याचिका खारिज करते हुए कहा कि सुनवाई जारी रहेगी. जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश ने सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इस मामले में पिछले महीने आदेश 12 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था.