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हिंदू सबसे बड़े पाखंडी, गाय दूध नहीं देती तो घर से भगा देते हैं- गुजरात के राज्यपाल

हिंदू सबसे बड़े पाखंडी, गाय दूध नहीं देती तो घर से भगा देते हैं- गुजरात के राज्यपाल


गुजरात । राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पाखंडी हिंदू गाय की पूजा करने के बाद उसे खुला छोड़ देते हैं. एक बार गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे आवारा घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है. राज्यपाल कल गुरुवार को नर्मदा जिले के नीलकंठ धाम स्वामी नारायण मंदिर परिसर में बोल रहे थे. वह यहां प्राकृतिक खेती को बढ़ाव देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में भाग ले रहे थे.

इस दौरान राज्यपाल देवव्रत ने कहा कि मंदिर मस्जिद में पूजा पाठ के बजाय भगवान का वास प्राकृतिक खेती में होता है. कार्यक्रम में आए किसानों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि एक तरफ तो आप गाय की पूजा करते हो. गऊ माता के जयकारे लगाते हो. उसके माथे पर तिलक लगाते हो. लेकिन यह तब तक होता है, जब तक वह दूध देती है. जैसे ही गाय दूध देना बंद कर देती है, उसे बिना कुछ सोचे समझे कंडम घोषित कर आवारा छोड़ देते हो. यह शुद्ध रूप से पाखंड है. इससे भगवान नहीं मिलता है. उन्होंने किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि यदि सही मायने में भगवान को ढूंढना ही है तो प्राकृतिक खेती में ढूंढो. उन्होंने खेती में पेस्टीसाइड या रसायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करने वाले किसानों को हतोत्साहित किया. कहा कि भगवान को पाने के लिए नेचुरल फार्मिंग की ओर जाना होगा.

मंदिर मस्जिद जाने से कोई लाभ नहीं

राज्यपाल ने कहा कि लोग पूजा के लिए मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे में जाते हैं, भगवान की पूजा करते हैं, लेकिन वास्तव में लोग हकीकत से दूर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि आप नेचुरल फार्मिंग अपनाते हैं, जैसे कि गाय के गोबर को खाद के रूप में यूरिन को पेस्टीसाइड के रूप में इस्तेमाल करते हैं तो आप सहज ही भगवान को प्राप्त कर सकते हैं.

गुजरात के राज्यपाल देवव्रत काफी समय से नेचुरल खेती की वकालत कर रहे हैं. वह राज्य भर में घूमकर इसके फायदे से लोगों को जागरुक कर रहे हैं. उन्हें परंपरागत खेती के लिए प्रेरित करते हैं. इसी क्रम में उन्होंने गुरुवार को भी आयोजित कार्यक्रम में किसानों को संबंधित किया. उन्हें रसायनिक खाद और पेस्टीसाइड मुक्त खेती की शपथ दिलाई.