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भारतीय रेलवे: रेलवे ट्रैक पर काम करने वाले कर्मचारियों को अब दुर्घटना से बचाएगा " रक्षक "
एजेंसी डेस्क
गोरखपुर रेलवे,,,पूर्वोत्तर रेलवे अपने कर्मचारियों की रक्षा और सुरक्षा के लिए रेलवे का रक्षक उपकरण देने जा रही है. पूर्वोत्तर रेलवे लाइनों पर अकेले चलने वाले कीमैन, पेट्रोल मैन और गैंग के साथ चलने वाले मेठ के हाथ रेलवे का 'रक्षक' होगा.जो हर पल उनकी रक्षा करेगा. रेलवे प्रशासन ने रक्षक उपकरण (वॉकी टॉकी की तरह) उपलब्ध कराने की कवायद शुरू कर दी है, अब कर्मचारी निश्चिंत होकर रेल पटरियों की मरम्मत आदि का कार्य कर सकेंगे.
रेलवे के प्राप्त हुए 348 रक्षक उपकरण
पूर्वोत्तर रेलवे प्रथम चरण में वाराणसी मंडल के गोरखपुर कैंट से छपरा ग्रामीण रेल मार्ग पर कार्य करने वाले अपनी कर्मचारियों को यह उपकरण देगा. नामित एजेंसी ने 348 रक्षक उपकरण रेलवे को उपलब्ध करा दिए हैं. अब कैंट से छपरा ग्रामीण के बीच पड़ने वाले स्टेशन पर एंटीना लगाने की तैयारी है. जिसके बाद से रेल प्रशासन ट्रैक पर काम करने वाले कीमैन ,पेट्रोल मैन और गैंग के साथ चलने वाले मेठ को यह रक्षक उपकरण देगा.
रेल प्रशासन वाराणसी मंडल के अलावा लखनऊ मंडल के गोरखपुर-गोंडा-बाराबंकी में रेल लाइनों पर अकेले कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी रक्षक उपकरण देने की तैयारी कर रहा है. रेलवे बोर्ड की दिशा निर्देश के बाद पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर-छपरा ग्रामीण रेल मार्ग पर काम करने वाले कर्मचारियों को रक्षक उपकरण देने की योजना बनाई है. बाराबंकी से छपरा ग्रामीण तक करीब 425 किलोमीटर रेलमार्ग है.
दुर्घटनाओं से मिलेगी निजात
रेलवे प्रशासन ने रेल लाइनों पर काम करने वाले कर्मचारियों के साथ आए दिन दुर्घटना होने का मामला सामने आने के बाद यह निर्णय लिया है. रेल लाइनों पर काम करने वाले कर्मचारियों के पास रक्षक उपकरण होने से रेल कर्मियों की सुरक्षा के साथ-साथ ट्रेनों का संचालन भी निर्बाध गति से होता रहेगा.