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भारत वर्सेस साउथ अफ्रीका : भारत में पहला t20 मुकाबला 8 विकेट से जीता, केएल राहुल और सूर्य कुमार ने शानदार अर्धशतक बनाए

भारत वर्सेस साउथ अफ्रीका : भारत में पहला t20 मुकाबला 8 विकेट से जीता, केएल राहुल और सूर्य कुमार ने शानदार अर्धशतक बनाए





एजेंसी डेस्क
तिरुअनंतपुरम : सीरीज में पहले T20 मैच में भारत ने 37 गेंदों में सिर्फ 17 रन और 2 विकेट. आउट होने वाले दो बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली. क्रीज पर मौजूद तीसरा बल्लेबाज- केएल राहुल, जिनके बल्ले से 26 गेंदों में सिर्फ 11 रन निकले.

ये सब आंकड़े हैं भारत-साउथ अफ्रीका मैच के. टेस्ट या वनडे नहीं, टी20 मैच. अगर तीन बेहतरीन बल्लेबाजों का ये हाल है, तो जाहिर तौर पर अच्छी गेंदबाजी के साथ ही पिच भी बैटिंग के लिए मुश्किल होगी ही. इसके बावजूद इन सब बातों का सूर्यकुमार यादव पर कोई असर नहीं पड़ता.


आईसीसी टी20 बैटिंग रैंकिंग में नंबर दो पर काबिज भारतीय मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव मौजूदा वक्त में इस फॉर्मेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं. उनके अलावा सिर्फ पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान (वर्ल्ड रैंक 1) ही लगातार रन बना रहे हैं. दोनों में फर्क ये है कि सूर्या लगातार ऊंचे स्ट्राइक रेट के साथ बैटिंग करते हैं, फिर चाहे पिच कैसी भी हो।

मुश्किल पिच पर भी सूर्या चमके

तिरुवनंतपुरम में सीरीज के पहले मैच में गेंदबाजों ने कहर बरपा दिया था. पहले दीपक चाहर और अर्शदीप सिंह ने सिर्फ 9 रन और 15 गेंदों में साउथ अफ्रीका के 5 विकेट लुढ़का दिए थे. किसी तरह साउथ अफ्रीका ने 106 रन बनाए. टीम इंडिया के लिए भी सब आसान नहीं होने वाला था और कगिसो रबाडा-वेन पर्नेल की पेस जोड़ी ने पिच पर जिंदगी मुहाल कर दी थी.

दोनों विकेट तो नहीं ले सके, लेकिन रनों पर पूरी तरह लगाम कसी थी. छोटे लक्ष्य के कारण टीम इंडिया जीत की दावेदार थी ही. फिर भी उस लक्ष्य तक ले जाने के लिए रन बटोरने भी जरूरी थे और ऐसे में ब्रेक से पैर हटाकर एक्सलिरेटर दबाने का काम किया सूर्या ने. 

सूर्या की बैटिंग का एक सीधा फलसफा है- क्रीज पर आते ही 2-3 गेंदों के अंदर बाउंड्री लगाना. लगभर हर मैच की तरह सूर्या ने इस बार भी यही किया.खुद भी खेले, राहुल को भी खिलाया

जब-जब सूर्या अपने इस अंदाज में शुरुआत करते हैं, तो ज्यादातर पारियों में वह अपना असर छोड़ते हैं. कोहली के आउट होने के बाद सातवें ओवर में बैटिंग के लिए आए सूर्या को एनरिक नॉर्खिया की दूसरी ही गेंद के उछाल ने चौंका दिया और किसी तरह चोट से बच गए. सूर्या ने अगली ही गेंद को फ्लिक कर दिया.

किस्मत का साथ था कि गेंद बल्ले का किनारा लेकर विकेट के पीछे 6 रनों के लिए चली गई. बस इतना काफी था. सूर्या ने अगली गेंद को फिर फ्लिक किया और इस बार सही तरह स्क्वायर लेग पर लगातार दूसरा छक्का जमा दिया.

ऐसा नहीं था कि इसके बाद सूर्या की राह आसान हो गई. सूर्या ने अपनी अगली 9 गेंदों में किसी तरह सिंगल्स-डबल्स से काम चलाया. बैटिंग अभी भी आसान नहीं थी. लेकिन इससे ये जरूर हुआ कि राहुल की नजरें जम गईं और उन्होंने एक-दो बड़े शॉट्स खेलकर खुदपर और सूर्या पर दबाव कम किया.

जो बोला, वही किया

राहुल ने मैच के बाद बताया कि सूर्या ने क्रीज पर आने के बाद कहा कि वह इस तरह रुककर नहीं खेल पाएंगे और अपने स्वाभाविक अंदाज में शॉट्स के लिए जाएंगे, क्योंकि वह इसी तरह रन निकालकर दबाव को हटा सकते थे. सूर्या ने वही किया भी और कुछ देर बार दोनों बल्लेबाजों ने लगभर हर ओवर से एक बाउंड्री बटोरी.

16वें ओवर में सूर्या ने रबाडा की लगातार दो गेंदों पर ऑफ ड्राइव और कवर ड्राइव पर चौके बटोरे और टीम को 100 रनों के पार पहुंचाया. 17वें ओवर में सूर्या (50 रन) ने सिर्फ 33 गेंदों में एक और अर्धशतक जमाया और 151 की जबरदस्त स्ट्राइक रेट के साथ नाबाद लौटे. सूर्या ने इस पारी में 5 चौके और 3 बेहतरीन छक्के जमाए.