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वाराणसी भारत सरकार डिजिटल पेमेंट को डाकघरों के माध्यम से दे रही बढ़ावा प्रोजेक्ट फास्ट ट्रैक अभियान में तेजी लाने का निर्देश
भारत सरकार कैशलेस व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए डाकघरों में भी आनलाइन और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है। 'डाकिया डाक लाया' से 'डाकिया बैंक लाया' तक के सफर में जहां डाक विभाग के माध्यम से सरकार वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित कर रही है, वहीं अब देश भर में डाकघरों के माध्यम से 'डिजिटल पेमेंट' को भी बढ़ावा दिया जायेगा।
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघरों में स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री पत्र, रजिस्टर्ड पार्सल, रजिस्टर्ड फारेन पत्र व अन्य रजिस्टर्ड आर्टिकल्स, इंटरनेशनल एयर पार्सल, एरोग्राम इंटरनेशनल, फ्रैंकिंग मशीन रिचार्ज, बिजनेस पोस्ट, बिल मेल सेवा, विभागीय परीक्षा शुल्क आदि के चार्ज का भुगतान अब डिजिटल पेमेंट के माध्यम से हो सकेगा।
पत्र/पार्सलों की बुकिंग के दौरान काउंटर क्लर्क द्वारा पाइंट आफ सेल पर पत्र के प्रेषक व प्राप्तकर्ता की सभी जानकारियों को दर्ज करने के उपरांत ग्राहक को रकम बताई जायेगी और क्यूआर कार्ड को स्कैन कर भुगतान की प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी। उक्त क्यू आर कोड को स्कैन कर किसी भी यू.पी.आई पेमेंट मोबाइल एप्लीकेशन जैसे डाक पे, गूगल पे, फोन पे, पेटीएम, एमेजन पे, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक आदि के द्वारा डिजिटल भुगतान किया जा सकेगा। भुगतान की प्रक्रिया ग्राहक द्वारा पूर्ण करने पर सॉफ्टवेयर सेंट्रल सर्वर से भुगतान संपन्न होने की जानकारी लेगा और ग्राहक की रसीद प्रिंट हो जाएगी।
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इस सेवा के शुरू होने से ग्राहकों की सुविधाओं में इजाफा होने के साथ-साथ डिजिटल अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। इससे डाकघरों में आए हुए ग्राहकों को फुटकर पैसों की समस्या से राहत मिल जाएगी और काउंटर पर बैठे डाक सहायक को भी नकद लेन-देन से छुटकारा प्राप्त हो जाएगा और समय की भी बचत होगी। ग्राहकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसलिए नकद रकम देकर भी डाक वस्तुओं की बुकिंग का कार्य पूर्व की ही भांति होता रहेगा।