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मिर्ची की फसल पर वायरस का अटैक, कृषि वैज्ञानिक ने बताया इससे बचने का उपाय
बड़वानी: बड़वानी जिले में एक बार फिर मिर्च पर वायरस का अटैक हुआ है. हालात ये है के किसानों को खेत से मिर्च उखाड़कर फेंकना पड़ रहा है. वायरस का ये कोई नया मामला नहीं है.
बता दें कि साल 2014 से लगातार मिर्च पर वायरस का अटैक होता आ रहा है और हर किसान मिर्च में नुकसान उठा फसल फेंकने को मजबूर हुआ है.
वहीं भारतीय किसान संघ जिला अध्यक्ष मंसाराम पंचोले की माने तो संघ ने कई बार धरना प्रदर्शन से लेकर ज्ञापन तक दिए. सीएम शिवराज को भी ज्ञापन दिया. बावजूद किसानों की मदद नहीं हो पाई और हर बार किसान वायरस के चलते मिर्च फेंकने को मजबूर हुआ है. इस बार भी करीब 30 हजार हेक्टयर में लगी मिर्च बर्बाद हो गई लेकिन सरकार के या जवाबदारों के कान तक जूं नही रेंगी.
इस मामले में कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ डीके जैन का कहना हैं कि 2014 में कृषि अनुसंधान नई दिल्ली की टीम आई थी. जब पहली बार वायरस का अटैक हुआ था. उन्होंने इसका मुख्य कारण सफ़ेद मक्खी को माना था.
डॉ जैन के अनुसार किसान बीटी कॉटन क्रॉप में मिर्च फ़सल करते है. जिससे सफ़ेद मक्खी फ़सल पर आ जाती है और वो कई प्रकार के वायरस को जन्म देती है. उनके अनुसार अगर किसान को नुकसान से बचना है तो उन्हें पद्धति बदलना होगी. डॉ जैन के अनुसार किसान पौधे को नेट या पोली फेवरेट लगा कर उसे करीब 55 से 60 दिन आब्जर्व में रखे ताकि फ़सल तक सफेद मक्खी न पंहुच पाए. इसमें खर्च तो होगा लेकिन फ़सल पर वायरस अटैक नहीं कर पाएगा.