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बिहार प्रदेश कॉल गर्ल के पास मधेपुरा एसपी का मोबाइल मिला कहां साहब ने काम के बाद पैसे नहीं दिए इसलिए मोबाइल,,,,

बिहार प्रदेश कॉल गर्ल के पास मधेपुरा एसपी का मोबाइल मिला कहां साहब ने काम के बाद पैसे नहीं दिए इसलिए मोबाइल,,,,



 बिहार में आए राजनीतिक भूचाल के बाद अब पुलिस महकमे में बवाल मच गया है। बवाल की वजह भी ऐसी है कि मामले पर हर अधिकारी और पुलिसकर्मी बोलने से बच रहा है। मामला सिर्फ एक मोबाइल चोरी का था, लेकिन पूछताछ में कुछ ऐसा खुलासा हुआ कि अधिकारी सन्न रह गए।




महिला ने पूछताछ में खुलासा करते हुए बताया कि, उसने मधेपुरा के डीएसपी को एक लड़की सप्लाई की थी। महिला ने बताया कि, "डीएसपी साहब के पास कई दफे लडकी भेजी गई। पहली बार तो उन्होंने पैसे दिये थे लेकिन बाद में पैसा नहीं दिए। इसके बाद लड़की मोबाइल उठाकर ले आई।" 


महिला ने बताया कि डीएसपी साहब जब लड़की को एक घंटे के लिए अपनी कोठी में रखते थे तो उसका रेट 300 रूपया था। अगर लड़की को दो-तीन घंटे के लिए रोका गया तो उसका रेट 500 रूपया था। पहली बार डीएसपी साहब ने 300 रूपया दिया था तो लडकी ने उसे 100 रूपये कमीशन दिया था। लेकिन पहली बार के बाद डीएसपी ने फिर कभी पैसा ही नहीं दिया। तभी लड़की उनके घर से मोबाइल उठा ले आई।


दरअसल लडकी जो मोबाइल लेकर भाग गयी थी वह मधेपुरा के एसपी का मोबाइल था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मधेपुरा एसपी राजेश कुमार हाल में ही छुट्टी पर गए थे। पुलिस मुख्यालय के आदेश के मुताबिक उन्होंने मुख्यालय डीएसपी अमरकांत चौबे को एसपी का चार्ज सौंप दिया था। मधेपुरा एसपी ने सरकारी मोबाइल भी डीएसपी को सौंपा था। इसी बीच डीएसपी ने कॉलगर्ल को अपने आवास पर बुलाया था। उसे पैसे नहीं मिले तो वह तकिये के नीचे रखा एसपी का मोबाइल लेकर चली गई।


फ़ोन चोरी होने की बात किसी को नहीं पता चली। इस दौरान सहरसा के डीआईजी शिवदीप लांडे ने उसी दौरान मधेपुरा एसपी के मोबाइल नंबर पर कॉल किया था। लेकिन मोबाइल नंबर बंद मिला।