उत्तराखंड राज्य
हरिद्वार ,,पौड़ी ,एक ही गांव के 16 लोगों की एक ही दिन जली चिताएं, पूरे गांव के लोग हुए गमगीन


एजेंसी डेस्क
हरिद्वार : पौड़ी बस दुर्घटना में मारे गए लोगों में से 16 के शवों का चंडी घाट स्थित श्मशान घाट पर गमगीन माहौल के बीच दाह संस्कार किया गया।
आज हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे पीड़ित परिवार को सांत्वना देने लालढांग के अलाय गांव पहुंचे।इस घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मओं की शान्ति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
उन्होंने अधिकारियों को बस दुर्घटना में प्रभावित लोगों के परिजनों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। जिला प्रशासन द्वारा बस दुर्घटना में मृत लोगों के अंतिम संस्कार के लिए चंडी घाट श्मशान घाट पर व्यवस्था की है।
जिलाधिकारी ने कहा कि संदीप की शैक्षिक योग्यता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने के लिये कहीं न कहीं व्यवस्था अवश्य करेंगे। संदीप की माताजी ने जिलाधिकारी को अपने तीन साल के पोते के बारे में भी बताया कि इसके कमर के पास की हड्डी में कुछ दिक्कत है, जिसका डॉक्टर ऑपरेशन के लिये कह रहे हैं, इस पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि बच्चे का पूरा इलाज निःशुल्क कराया जाये।
जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस बस दुर्घटना में प्रभावित लोगों के परिवारों को यथाशीघ्र छह माह का निःशुल्क राशन यथा-गेहूं, चावल, दाल आदि उपलब्ध कराया जाये।
लालढांग से बरात लेकर गए दूल्हे संदीप का रो रोकर बुरा हाल है। रोते बिलखते संदीप ने कहा कि आज मेरा परिवार इस घटना में चला गया। मेरे भाई, मामा जीजा की मौत हो गई।
जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया गया है कि उनके द्वारा हमारी मदद की जाएगी।
गाैरतलब है कि बीती 4 अक्टूबर की देर शाम लालढांग से बीरोंखाल के कांडा तल्ला गांव जा रही बारातियों से भरी बस सिमड़ी के पास खाई में गिर गई थी। इस हादसे में अभी तक 33 लोगों की मौत हो गई है। जबकि, कई घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यह हादसा बेहद भयावह था। जिसमें कई लोग काल के गाल में समा गए। जहां लोग खुशी-खुशी शादी समारोह में शिरकत करने जा रहे थे, लेकिन दुल्हन के गांव के करीब ही यह हादसा हो गया। जिससे पल भर में खुशियां मातम में बदल गई।
गुरुवार को बस हादसे का शिकार हुए 16 लोगों के शव चंडी घाट श्मशान घाट पर पहुंचने शुरू हुए। जहां रोते बिलखते परिजन अपनों के खोने से गम में डूबे दिखाई दिए।