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भाई दूज 2022 : भाई दूज पर तिलक, शुभ मुहूर्त, विधि और कथा जानें कब है मुहूर्त
एजेंसी डेस्क : पांच दिवसीय दीपोत्सव का आखिरी त्योहार भाई दूज है, इसे यम द्वितीया भी कहते हैं. यह त्योहार भी रक्षाबंधन की तरह भाई बहन के बीच स्नेह का प्रतीक है. यह त्योहार यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ा है.इस दिन बहनें भाई का तिलक करती हैं और भाई दूज पर मृत्यु के देवता यमराज की पूजा कर उनकी लंबी आयु, सुख शांति के लिए प्रार्थना करती हैं. भाई शगुन के रूप में उपहार देते हैं.
आइये जानते हैं काशी के पं. शिवम शुक्ला से भाई दूज पूजा विधि,,,
भाई दूज से जुड़ी मान्यताः पौराणिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया जिसे भाई दूज और यम द्वितीया के नाम से जानते हैं, इसी दिन यम देव बहन यमुना के बुलाने पर उनके घर गए थे और भोजन किया था. इसलिए इसे भाई दूज के नाम से सेलिब्रेट किया जाता है.
इस दिन अगर कोई भाई अपनी बहन के घर जाकर तिलक करवाता है और भोजन ग्रहण करता है तो उसे यमराज का भय नहीं रहेगा. यानी उसकी अकाल मृत्यु नहीं होगी.
इस बार कार्तिक शुक्ल द्वितीया 26 अक्तूबर से शुरू होकर 27 अक्तूबर को संपन्न हो रही है. इसलिए कुछ लोग भाई दूज 2022 बुधवार 26 अक्तूबर को मना रहे हैं तो कुछ लोग उदया तिथि में त्योहार मनाने के रिवाज के हिसाब से 27 अक्तूबर को मनाएंगे.
भाई दूज 2022 शुभ मुहूर्तः काशी के पुरोहित पं. शिवम शुक्ला ने भाई दूज पूजा विधि को लेकर मुहूर्त की भी जानकारी दी. शुक्ला ने बताया कि कार्तिक शुक्ल द्वितीया यानी भाई दूज 2022 की शुरुआत 26 अक्तूबर दोपहर 2.43 बजे से हो रही है, जबकि यह तिथि 27 अक्तूबर दोपहर 12.45 बजे संपन्न हो रही है. उनका कहना है कि पंचांग के अनुसार दोनों दिन तिलक करने का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है.
26 अक्तूबर को तिलक और पूजा का मुहूर्तः दोपहर 3.33 बजे तक,
विजय मुहूर्तः दोपहर 1.57 से दोपहर 2.42 बजे तक,,,
गोधूलि मुहूर्तः शाम 5.41 बजे से शाम 6.07 बजे तक,,,
27 अक्तूबर को तिलक और पूजा का मुहूर्तः सुबह 11.07 से दोपहर 12.45 बजे,,,
अभिजीत मुहूर्तः सुबह 11.42 से 12.27 बजे तक,,,
भाई दूज 2022 पूजा विधिः प. शिवम शुक्ला के मुताबिक शुभ मुहूर्त से पहले तिलक और आरती की थाल सजा लें. थाली में सिंदूर, चावल, फूल, सुपारी, पान का पत्ता, काले चने, चांदी का सिक्का, नारियल, माला, मिठाई, बताशे, कलावा, दूब घास, केला, चंदन, कुमकुम पहले ही रख लें. अब चावल से एक चौक बनाएं, शुभ मुहूर्त में इस पर भाई को बैठाएं और फिर बहनें तिलक करें. तिलक करने के बाद फूल, पान सुपारी, बताशे, काले चने भाई को दे दें. इसके बाद आरती की थाल में दीप जलाकर आरती उतारें, तिलक आरती के बाद भाई बहन को उपहार दें और उनकी रक्षा का वचन भी दें.
भाई दूज 2022 के दिन न करें ये गलतियां,,,
भाई बहन भाई दूज पर झगड़ा न करें, न झूठ बोलें और न गलत काम करें,,,
बहनों को भाई से जो भी तोहफा मिले, उसको दिल से लगाकर उसका सम्मान करें, पसंद का तोहफा न होने पर उसका अनादर न करें.,,,
बहन भाई काले वस्त्र न पहनें,,,
तिलक के बाद ही भाई बहन साथ बैठकर अन्न ग्रहण करें,,,
तिलक के लिए बहनें पूर्व की दिशा में मुंह करके बैठें और भाई उत्तर की दिशा में मुंह करके बैठें.