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300 साल पुराने माता के इस चमत्कारी मंदिर में भरती है सूनी गोद, ताला लगाकर मांगी जाती है मन्नत

300 साल पुराने माता के इस चमत्कारी मंदिर में भरती है सूनी गोद, ताला लगाकर मांगी जाती है मन्नत


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एजेंसी डेस्क

पूरे देश में इन दिनों नवरात्र की धूम है। लोग तरह-तरह से शक्ति की आराधना कर रहे हैं और अपने और अपने परिवार के लिए सुख-शांति की कामना कर रहे हैं। इस बार नवरात्र पर संयोग भी बड़ा अच्छा बना है क्योंकि माता हाथी पर सवार होकर आई हैं जो धन-धान्य का प्रतीक है।

वैसे तो माता दुर्गा अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती है लेकिन माता के कुछ मंदिर ऐसे हैं जो खास तौर पर मन्नतों के लिए जाने जाते हैं। ऐसा ही माता का एक मंदिर कानपुर में है जहां महिलाओं की सूनी गोद भरती है।

कानपुर के बंगाली मोहाल स्थित काली मंदिर की मान्यता है कि यहां माता संतान सुख प्रदान करती है। यानी जिन महिलाओं की गोद नहीं भर रही उनकी गोद इस मंदिर में मांगी गई मन्नत के बाद भर जाती है। नवरात्र के दौरान मंदिर में काफी भीड़ लगती है। भक्त यहां माता को चुनरी और नारियल की भेंट चढ़ाते हैं। 

यहां ताला लगाकर मन्नत मांगी जाती है। मान्यता है कि इस मंदिर में ताला लगाने से मन्नत पूरी होती है। मन्नत पूरी होने पर भक्त पूजा अर्चना कर ताला खोलते हैं। 

नवरात्र के छठे दिन मां स्कंद माता की आराधना कर संतान सुख की कामना की गई। मंदिरों में मां की पूजा-अर्चना को देर रात तक भक्तों की भीड़ उमड़ी। मां की स्तुति के बाद शनिवार को श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन करने पहुंचे। 

बंगाली मोहाल स्थित काली मंदिर में भक्तों ने मां को चुनरी व नारियल भेंट किया।

बिरहाना रोड स्थित तपेश्वरी, जूही स्थित बारादेवी मंदिर में भी भक्त पूजा-अर्चना को पहुंचे। 

शास्त्रीनगर स्थित काली मंदिर, किदवईनगर स्थित जंगलीदेवी समेत शहर के प्रमुख मंदिरों में भीड़ उमड़ी। मंदिर परिसर में मुंडन व कर्ण छेदन की धूम रही। मंदिर के मार्गों पर देर रात तक मेले सा नजारा रहा।