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योगी की योजना का लाभ मुस्लिम बेटियों को भी, पूर्वांचल के दस जिलों में 44 कन्याओं का हुआ निकाह

योगी की योजना का लाभ मुस्लिम बेटियों को भी, पूर्वांचल के दस जिलों में 44 कन्याओं का हुआ निकाह



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एजेंसी डेस्क : जौनपुर : प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना मुस्लिम परिवारों के लिए भी वरदान साबित हो रही है। पू्र्वांचल के दस जिलों में इस वर्ष अब तक हुए आयोजनों में कुल 2,606 कन्याओं के हाथ पीले कराए गए, जिसमें 44 मुस्लिम कन्याओं का भी निकाह हुआ है।इसमें कन्या को 35 हजार रुपये की धनराशि गहने-कपड़े खरीदने के लिए उसके खातों में दिए जाते हैं। दस हजार रुपये के उपहार भी दिए जाते हैं। इससे गरीब माता-पिता का बोझ कम हो रहा है। बिना भेदभाव के चल रही इस योजना में सभी धर्मों के लोग, अधिकारी व जनप्रतिनिधि वर-वधू को आशीर्वाद देने भी पहुंचते हैं।

एक ही पंडाल में पढ़ा जाता है निकाहनामा तो गूंजता है मंगलाचरण

विवाह स्थल पर लगे पंडाल में जहां एक तरफ ब्राह्मणों द्वारा मंगलाचरण का पाठ किया जाता है, वहीं दूसरी तरफ काजी की ओर से निकाहनामा पढ़ाया जाता है। इस आयोजन में न तो दान-दहेज की बात होती है न ही मेहर की।

सबसे अधिक मऊ व जौनपुर में हुए निकाह


मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सबसे अधिक मऊ में 15 तो जौनपुर में दस मुस्लिम कन्याओं का निकाह हुआ है। इसी तरह सोनभद्र, मीरजापुर व भदोही में एक-एक, चंदौली में पांच, बलिया में दो, गाजीपुर में चार तथा वाराणसी में पांच बेटियों का विवाह मुस्लिम रीति-रिवाज से कराया गया है।

मुस्लिम बहुल फिर भी आजमगढ़ में एक भी निकाह नहीं

पूर्वांचल के दस जिलों में आजमगढ़ ही एक ऐसा जिला है जहां मुस्लिम समाज के लोगों की बाहुल्यता होने के बाद भी सामूहिक विवाह योजना में एक भी मुस्लिम कन्याओं का निकाह इस वर्ष नहीं कराया गया, जबकि योजना के तहत 225 कन्याओं का विवाह हिंदू रीति-रिवाज से कराया गया है।


योजना की मंडलव।र स्थिति...


मंडल - कुल विवाह - मुस्लिम कन्याओं का निकाह


वाराणसी - 1408 - 24


मीरजापुर - 603 - 03


आजमगढ़ - 595 - 17


बोले लाभार्थी...

शब्बीर अली मवई खुर्द हलिया, मिर्जापुर।



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सरकार की सहायता से बेटी के निकाह में मिली मदद

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार की ओर से दी गई सहायता से बेटी रुकसाना के निकाह में काफी मदद मिली। इसके तहत बेटी को 35,000 रुपये तथा बर्तन, गहने, बाक्स आदि मिले थे। 

गरीबों की बेटियों की शादी के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है।

अब्दुल कयूम चंदौली।


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वरदान है योजना, नहीं उठाना पड़ा आर्थिक बोझ

गरीब बेटियों की शादी के लिए यह योजना वरदान है। हमारी छह पुत्रियां हैं। दो का निकाह पहले ही जैसे-तैसे कर्ज, रिश्तेदारों से धन लेकर कर दिया था, लेकिन तीसरी बेटी अंजुम के निकाह की चिंता हो रही थी। इसी बीच ग्राम प्रधान ने बताया ब्लाक में शादी होने वाली है। मैंने रिश्ता तय कर वहीं निकाह करा दिया। मुझे आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ा।