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बारिश ने झुकाया लंकापति का सिर: बरेका में दशानन, कुम्भकरण और मेघनाद भीगे, एक हाथ भी क्षतिग्रस्त

बारिश ने झुकाया लंकापति का सिर: बरेका में दशानन, कुम्भकरण और मेघनाद भीगे, एक हाथ भी क्षतिग्रस्त


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एजेंसी डेस्क

वाराणसी में अचानक से मौसम की मिजाज बदल गया है। शिव की नगरी काशी में सुबह से हो रही तेज बारिश की वजह से शहर भर में जगह-जगह लगाए गए रावण के पुतले क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बारिश से बरेका के रावण को क्षति पहुंची है हालांकि विजयदशमी समिति के लोग उसको ठीक करने में लगे हुए हैं।रावण का परिवार भीग गया है और झुक भी गया है। एहतियातन रावण और उनके परिवार को सहारे के लिए रस्सी से बांधा गया है। लगातार हो रही बारिश से शहर में जलभराव की स्थिति भी हो गई है। जिससे आम जन मानस को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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बता दें कि बरेका के केंद्रीय खेल मैदान में दर्शकों को बैठने के लिए समिति द्वारा तकरीबन छ हजार कुर्सियां लगाई गई हैं। बरेका केंद्रीय खेल मैदान में राम चरित मानस पर आधारित राम वन गमन से रावण बध तक का रूपक मोनो एक्टिंग का मंचन बरेका इंटर कॉलेज के छात्र व छात्राओं द्वारा ढाई घंटे में प्रदर्शित किया जाता है।


चार रंगों के छ हजार वितरित हुए पास

विजयादशमी समिति ने ढाई घंटे के रुपक को देखने के लिए दर्शकों को चार रंगों का पास वितरित किया गया है। सफेद-रंग के पास धारकों को केन्द्रीय मैदान के मुख्य द्वार से प्रवेश दिया जाएगा। लाल रंग के पास धारकों को बास्केटबॉल कोर्ट के तरफ से प्रवेश होगा। हरे व पीला-रंगो के पास धारकों के लिए प्रशासनिक भवन के तरफ बने गेट से प्रवेश दिया जाएगा । मैदान के पूरब दिशा में बने गेट तथा सिनेमा हॉल के पूरब में बना गेट आम जनता के लिए खुला रहेगा। बरेका दशहरा मेला में दशानन, कुम्भकरण एवं मेघनाद के पुतलों का निर्माण शमशाद खान द्वारा किया गया है। इस बार दशानन, कुम्भकरण एवं मेघनाद क्रमशः 75,70 एवं 65 फिट बनाया गया है ।तीनों पुतलों में कुल तकरीबन 150 पटाखे लगाए गए हैं।