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वाराणसी और चंदौली में सीमा विवाद पर दिखी पुलिस की संवेदनहीनता, छठ पर गंगा में डूबने से बच्‍चे की मौत

वाराणसी और चंदौली में सीमा विवाद पर दिखी पुलिस की संवेदनहीनता, छठ पर गंगा में डूबने से बच्‍चे की मौत



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एजेंसी डेस्क : वाराणसी,,रामनगर क्षेत्र स्थिति शक्तिघाट पर सोमवार को उस समय अफरातफरी का माहौल बन गया जब चंदौली के मढ़िया गांव निवासी आटो चालक विजय चौहान का बेटा आर्यन चौहान (10) गंगा नदी में डूब गया।वह अपनी दादी गंगौत्री देवी के साथ सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देने गया हुआ था। घटना के बाद एक ओर स्वजन पर जहां दुखों का पहाड़ टूट पड़ा तो वहीं दूसरी ओर वाराणसी व चंदौली पुलिस सीमा विवाद में उलझ कर असंवेदनहीनता का परिचय देती रही।

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चंदौली पुलिस ने राजस्व विभाग के कानूनगो मनीष सिंह को बुलाकर सीमांकन कराया तो घटना स्थल चंदौली में निकला। उधर जल पुलिस व स्थानीय गोताखोर आर्यन की तलाश करते रहे। 

घटनास्थल से लगभग चार सौ मीटर दूर चंदौली जिला के बहादुरपुर गांव के सामने गोताखोरों के जाल में बालक का शव बरामद हुआ। लगभग चार घंटे बाद मिले शव को लोग कबीरचौरा अस्पताल ले गये जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया।

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आर्यन की दादी पिछले 45 वर्षों से छठ व्रत रहती हैं। सुबह चार बजे स्वजनों के साथ आर्यन, चचेरा भाई प्रिंस चौहान व पड़ोस का लड़का सुंदरम गौड़ भी गंगा तट पहुंचे। लगभग छह बजे तीनों बालक गंगा नदी में स्नान करने लगे। 

इसी बीच तीनों गहरे पानी में चले गए। तीनों को डूबता देख राकेश चौहान सहित अन्य लोगों ने दो बालकों को बचा लिया गया। जबकि आर्यन गंगा नदी में डूब गया।

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काफी खोजबीन के बाद जब शव नहीं मिला तो जल पुलिस भी मौके पर पहुंच, शव की तलाश में जुट गए। छठ पर्व पर गंगा में डूबे घर के चिराग के कारण परिवार की खुशी पलभर में गम में बदल गई। मां पूनम तो रोते रोते बेसुध हो जा रही थी। 

तो वहीं उसकी दादी बदहवास हालत में थी। बहन मुस्कान व भाई निखिल का भी रो रो कर बुरा हाल था। परिजनों ने शव को पुलिस को देने से मना कर दिया तो काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने पंचनामा कर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया।