Headlines
Loading...
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में भारी हंगामा, जमीन मापी करने आई टीम को कर्मचारियों ने खदेड़ा

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में भारी हंगामा, जमीन मापी करने आई टीम को कर्मचारियों ने खदेड़ा


Published from Blogger Prime Android App


एजेंसी डेस्क : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की जमीन को बचाने के लिए पिछले तीन दिनों से धरने पर बैठे अध्यापक, शिक्षक और छात्रों ने हंगामा कर दिया। सोमवार दोपहर मापी के पहुंची बिजली विभाग और प्रशासन की टीम को खदेड़ दिया।संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की दो एकड़ भूमि बिजली विभाग को देने के विरोध में शिक्षक, कर्मचारी और छात्र धरना दे रहे हैं। 

बीते तीन दिन से धरना प्रदर्शन करने वाले अध्यापक संघ, अधिकारी संघ ,कर्मचारी संघ एवं छात्र संघ ने मिलकर शासन के इस निर्णय का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। साथ ही साथ ही इस आवंटन को रद्द करने मांग की है। धरना दे रहे कर्मचारियों को क्रीड़ा मैदान में टीम के आने की खबर मिली तो वह एकजुट होकर पहुंचे। 

Published from Blogger Prime Android App

जमीन की फोटोग्राफी कर रहे मजिस्ट्रेट और उनकी टीम को कर्मचारियों ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद पूरे परिसर में जुलूस निकालकर प्रशासन विरोधी नारेबाजी की। जुलूस चौकाघाट बिजली कार्यालय तक भी गया। इसके बाद विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार पर कर्मचारी, शिक्षक और छात्र धरने पर बैठ गए। दूसरी तरफ, कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक और अध्यापक परिषद के सदस्यों को लेकर सर्किट हाउस में राज्यपाल से मिलने पहुंचे हैं।

विश्वविद्यालय की जमीन को बिजली विभाग को देना संस्था के मूल पर प्रहारसंपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय की जमीन को बिजली विभाग को देना संस्था के मूल पर प्रहार है। 232 साल पुरानी प्राच्य एवं देववाणी भाषा को पोषण देने के लिए स्थापित विश्वविद्यालय के कण-कण में अध्यात्म, राष्ट्रीयता और भारतीय संस्कृति के तत्व हैं। विश्वविद्यालय की जमीन को वापस लेने के लिए कुलाधिपति, मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री एवं उच्चाधिकारियों से मिलकर समाधान का प्रयास किया जा रहा है।