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पीएम मोदी नहीं कर सकेंगे महाकाल का जलाभिषेक, आखिर क्यों? जानिए वजह
एजेंसी डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल मंदिर में नवनिर्मित ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण करने के लिए उज्जैन आ रहे. इस बार पीएम मोदी बाबा महाकाल मंदिर में जल नहीं चढ़ा सकेंगे.PM गर्भगृह में रहकर सिर्फ सूखी पूजा कर सकेंगे. उज्जैन प्रशासन ने महाकाल मंदिर समिति को पीएम मोदी के शाम की आरती में शामिल होने की जानकारी दी है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम करीब 5.30 बजे शहर में आएंगे और इसके बाद श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेंगे.
महाकाल मंदिर के पंडित महेश पुजारी ने बताया, “गर्भगृह में शाम 5 बजे से भगवान महाकाल को जल चढ़ना बंद हो जाता है, क्योंकि इसके बाद यहां परंपरागत पूजन, श्रृंगार और आरती होती है. ऐसे में प्रधानमंत्री गर्भगृह में रहकर भी भगवान को जल अर्पित नहीं कर सकेंगे.”
2013 में बाबा महाकाल को किया था जल अर्पण
पीएम मोदी ने मप्रदेश मे विधानसभा चुनाव के दौरान 23 नवम्बर 2013 को पीएम इन वेटिंग के दौरान महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजन अर्चन कर जलाभिषेक भी किया था. लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद बाबा महाकाल के दर्शन करने आ रहे हैं नरेंद्र मोदी बाबा महाकाल का जलाभिषेक करने से वंचित रह जाएंगे और उन्हें इस बार सिर्फ बाबा महाकाल की सूखी पूजा करके ही संतुष्ट होना पड़ेगा.
नियम बदले तो बढ़ेगा आरती का समय बताया जा रहा शाम के समय बाबा महाकाल का सूखे मेवे और भांग से श्रंगार किया जाता है.
यदि 11 अक्टूबर को इन नियमों में किसी भी प्रकार का बदलाव किया जाता है तो आरती का समय जरूर बढ़ जाएगा. ऐसा इसलिएक्योंकि इस श्रंगार को करने मे भी लगभग 45 मिनट से 1 घंटे का समय लगता है जिसके बाद ही शाम की आरती हो पाती है.
शंख द्वार से करेंगे मंदिर मे प्रवेश
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री के महाकाल मंदिर पहुंचने का समय शाम है. प्रधानमंत्री शंख द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे.
दर्शन- पूजन के बाद शंख द्वार से बाहर आकर नंदी द्वार पहुंचकर श्री महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे।
महाकाल दर्शन करने वाले पांचवें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री बनने के नरेंद्र मोदी पहली बार महाकाल आ रहे हैं.वे 700 करोड़ से ज्यादा के ‘महाकाल लोक’ को देश को समर्पित करेंगे.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5वें प्रधानमंत्री होंगे, जो महाकाल दर्शन करेंगे. इसके पहले प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी बाबा महाकाल के दर्शन कर चुके हैं.