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बनारसी ठंडई और जौनपुरी इमरती को भी मिलेगी जीआइ, आठ उत्पादों के बौद्धिक संपदा के तौर पर पंजीकरण के लिए आवेदन

बनारसी ठंडई और जौनपुरी इमरती को भी मिलेगी जीआइ, आठ उत्पादों के बौद्धिक संपदा के तौर पर पंजीकरण के लिए आवेदन


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एजेंसी डेस्क : वाराणसी : पं. दीनदयाल हस्तकला संकुल बड़ालालपुर में आयोजित छह दिवसीय जीआइ महाेत्सव कई उपलब्धियों के नाम रहा। 

शुक्रवार को समापन के दिन जौनपुरी इमरती और बनारस की ठंडई समेत आठ जीआइ उत्पाद को पंजीकरण की प्रक्रिया में लाकर वैश्विक पहचान दिलाने के लिए कदम बढ़ाया गया।इसके साथ ही 20 उत्पादों के 1000 जीआइ अधिकृत उपयोगकर्ता के लिए भी आवेदन किया गया।

मुख्य अतिथि पेंटेंट डिजाइन एंड ट्रेडमार्क के महानियंत्रक उन्नत पी. पंडित ने कहा कि जीआइ के माध्यम से देश के सांस्कृतिक विरासत को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। पेंटेंट डिजाइन एंड ट्रेडमार्क केंद्र सरका मुंबई नए उत्पादों के जीआइ पंजीकरण की प्रक्रिया पर कार्य कर रहा है।

11 प्रदेशों से आए 100 जीआइ उत्पादकों ने स्टाल लगाया,,,

विशिष्ट अतिथि उपसचिव वित्त, उद्योग अंशु कुमार ने जीआइ महोत्सव की सराहना की। बता दें कि इसका आयोजन उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय केंद्र सरकार, सीपैम, उद्योग विभाग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, हस्तशिल्प द्वारा किया गया जिसमें 11 प्रदेशों से आए 100 जीआइ उत्पादकों ने स्टाल लगाया।

आठ उत्पादों के जीआइ पंजीकरण के लिए आवेदन,,,

पद्मश्री डा. रजनीकांत ने आठ नए उत्पादों के जीआइ पंजीकरण के आवेदन पत्र महानियंत्रक के समक्ष पंजीकरण के लिए दिया। इसमें बनारस ठंडई-बनारस, जौनपुर इमरती-जौनपुर, बनासकांठा सूफ इंब्राइडरी-गुजरात, असम भिउ ढ़ोला-असम, अपोंग (पेय पदार्थ)-अरुणाचल प्रदेश, निकोबार होदी क्राफ्ट-अंडमान निकोबार, पानी मटेका-असोम, मिसिंग हैंडलूम उत्पाद-असम शामिल हैं।

श्रेष्ठ पैकेजिंग के लिए काला चावल स्टाल पुरस्कृत,,,

संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश कुमार सिंह ने बताया कि ओडीओपी एवं अन्य ऋण योजनाओं के पांच लाभार्थियों को एक करोड़ की धनराशि के ऋण के चेक दिए गए। सर्वश्रेष्ठ स्टाल का पुरस्कार उतराखंड, सर्वाधिक विक्रय के लिए हिमाचल प्रदेश के स्टाल एवं सर्वोत्कृष्ट पैकेजिंग के लिए-सिद्धार्थनगर काला नमक (चावल) के स्टाल को दिया गया। महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आने वाले कलाकार भी सम्मानित किए गए। 

धन्यवाद सहायक निदेशक, हस्तशिल्प गोपेश कुमार दिया।