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सोनभद्र में प्लाज्मा के लिए वाराणसी रेफर हो रहे डेंगू मरीज, ब्लड बैंक में नहीं लगी पृथक्करण मशीन
एजेंसी डेस्क : सोनभद्र : डेंगू का प्रकोप जिले के विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है। मरीजों को प्लेटलेट गिरने पर प्लाज्मा की जरूरत पड़ रही है, लेकिन जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में अब तक ब्लड सेपरेशन (पृथक्करण) यूनिट स्थापित ही नहीं हुई।इससे गंभीर रूप से बीमार मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाने के लिए वाराणसी रेफर कर दिया जा रहा है।
ब्लड बैंक में गुरुवार को 207 यूनिट रक्त उपलब्ध था लेकिन इसमें बी माइनस व एबी माइनस रक्त की कमी है। दोनों ग्रुृप का महज एक-एक यूनिट रक्त ही उपलब्ध है। वर्ष 2011 में जिला अस्पताल में ब्लड बैंक की स्थापना इस उद्देश्य से हुई थी कि जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराकर उनकी जान बचाई जा सके।
इस उद्देश्य को और बल तब मिला जब विभिन्न स्वयं सेवी संगठनों ने रक्तदान किया। समय-समय पर रक्तदान संगठनों के सदस्य करते रहते हैं। इससे यहां रक्त की कमी नहीं पड़ती। ब्लड बैंक परिसर में सेपरेशन यूनिट की स्थापना के लिए भवन का निर्माण पूर्ण हो चुका है। कुछ मशीनें भी आ गई हैं लेकिन अभी उन्हें इंस्टाल नहीं किया जा सका है। इससे यह यूनिट नहीं चालू हो सकी है।
यूनिट संचालन के लिए एक डाक्टर, दो एलटी ले चुके हैं प्रशिक्षण
ब्लड बैंक में सेपरेशन यूनिट के संचालन के लिए एक डाक्टर व दाे लैब टेक्निशियन एलटी प्रशिक्षण ले चुके हैं। शासन स्तर से यूनिट के लिए चार-पांच मशीनें आनी शेष रह गई हैं। प्लेटलेट निकालने वाली मशीन आनी बाकी है। इससे प्रशिक्षण डाक्टर व एलटी इसका संचालन नहीं शुरू कर सके हैं। उन्हें जरूरी सुविधाएं मिल जाएं तो इसका संचालन कर मरीजों को लाभ दिलाया जा सकता है।
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त की उपलब्धता
ग्रुप-यूनिट,,,
ए प्लास- 51
एक माइनस- 06
बी प्लस- 45
बी माइनस- 01
एबी प्लास- 11
एबी माइनस- 01
ओ प्लास- 87
ओ माइनस- 05
ब्लड सेपरेशन यूनिट के लिए मशीनों की डिमांड की गई है
ब्लड सेपरेशन यूनिट के लिए मशीनों की डिमांड की गई है। जल्द ही उपलब्ध हो जाएंगी। आते ही उन्हें चालू करा दिया जाएगा।
- डा. के कुमार- मुख्य चिकित्साधीक्षक जिला अस्पताल,,,
प्रति मरीज एक माह में दो यूनिट रक्त दिया जाता
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त की पर्याप्त उपलब्धता है। यहां से थैलिसिमिया के मरीजों को मुफ्त में रक्त दिया जाता है। इसके 40 मरीज हैं। प्रति मरीज एक माह में दो यूनिट रक्त दिया जाता है। यहां ब्लड सेपरेशन यूनिट चालू नहीं हो सकी है, जिससे प्लाज्मा नहीं उपलब्ध होता है।
डा. रविंद्र प्रसाद, परामर्शदाता, ब्लड बैंक,,,