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अयोध्या, रामनगरी में रामलला को लगा छप्पन भोग, दस हजार मंदिरों में हुई अन्नकूट की पूजा
एजेंसी डेस्क : अयोध्या,। श्रीराम की लंका विजय और उनकी वापसी की स्मृति का उल्लास विविध व्यंजनों के भोग से परिलक्षित हुआ। रविवार को दीपोत्सव और सोमवार को दीपावली से आगे बढ़ी पर्व की श्रृंखला बुधवार को अन्नकूट के रूप में प्रस्तुत हुई।
नगरी के तकरीबन 10 हजार मंदिरों में विराजे श्रीराम, सीता, लक्ष्मण एवं बजरंगबली के विग्रह के सम्मुख भांति-भांति के पकवान का भोग लगा कर भोज-भंडारा के साथ प्रसन्नता व्यक्त की गई।
रामनगरी में अन्नकूट प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष भव्य राम मंदिर निर्माण एवं दिव्य रामनगरी की संभावना के बीच श्रीराम की लंका विजय की स्मृति का उल्लास अधिक है।
रामलला को 56 भोग प्रस्तुत किया गया। उत्सव के केंद्र में रामभक्तों की प्रधान पीठ कनक भवन, मणिरामदास जी की छावनी, आचार्य पीठ दशरथ महल बड़ा स्थान, रामवल्लभा कुंज, हनुमान बाग, रंगमहल, सियाराम किला झुनकी घाट, राज गोपाल, जानकी घाट बड़ा स्थान, जानकी महल, कोसलेश सदन, सियाराम किला झुनकी घाट, उत्तर तोताद्रि मठ, बावन मंदिर, रंगमहल, लक्ष्मणकिला, हनुमत हरिरामसदन, दर्शनभवन, सत्यधाम गोपाल मंदिर, रसमोदकुंज, श्रृंगारकुंज, निर्मोही अखाड़ा, बाघी मंदिर, करतलिया भजनाश्रम, नाका स्थित ठाकुर रामजानकी मंदिर आदि रहे।
यूं तो हजारों मंदिरों में से प्रत्येक में अन्नकूट का यथाशक्ति भोग अर्पित किया गया, लेकिन प्रमुख मंदिरों में विभिन्न रस के परिचायक माने जाने वाले छप्पन प्रकार के व्यंजनों के भोग के साथ वृहद भंडारा भी हुआ। सियाराम किला के महंत करुणानिधान शरण के अनुसार यह अवसर उनके लिए युगों से उल्लास का पर्व है और आज हमारी प्रसन्नता विविध व्यंजनों का भोग अर्पित किए जाने से व्यक्त हो रही है।