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गोरखपुर में CM योगी का चार दिवसीय दौरा, कानपुर हादसे से लौटने के बाद शक्ति मंदिर गोरखपुर में की निशा पूजा, हवन और मां भगवती की उपासना

गोरखपुर में CM योगी का चार दिवसीय दौरा, कानपुर हादसे से लौटने के बाद शक्ति मंदिर गोरखपुर में की निशा पूजा, हवन और मां भगवती की उपासना




एजेंसी डेस्क
गोरखपुर,, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चार दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंचे है। सीएम योगी ने गोरखनाथ के शक्ति मंदिर में अष्टमी तिथि पर महानिशा पूजन, शस्त्र पूजन और हवन किया। गोरखपुर में 4 अक्टूबर को नवमी की सुबह गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ कन्या पूजन करेंगे।दोपहर बाद दशमी तिथि यानी विजयादशमी लगने के बाद शाम 4:00 बजे से शोभायात्रा निकलेगी। 

5 अक्टूबर को होगा मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन

इसके बाद सीएम रामलीला मैदान में भी भगवान राम का राजतिलक करेंगे। वहां मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित भी करेंगे। आमतौर पर विजयादशमी के दिन ही मां दुर्गा की प्रतिमाओं का राघव-शक्ति मिलन के बाद विसर्जन शुरु हो जाता है। लेकिन मंगलवार और रविवार को विसर्जन नहीं होने की वजह से 5 अक्टूबर को मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला शुरू होगा। जो 6 अक्टूबर की शाम तक चलेगा।

सीएम योगी कल शाम को अनुष्ठान में शामिल होने कानपुर से सीधा गोरखपुर पहुंचे है। बाते दें कि सीएम गोरखपुर से पहले देवीपाटन में दुर्गा मंदिर में पूजन वाले थे। लेकिन कानपुर हादसे में हुई 26 लोगों की मौत की खबर सुनने का बाद सीएम ने अपना प्रोग्राम कैंसिल कर दिया। वे पीड़ित परिवारों से मिलने मंदिर ना जा कर सीधा कानपुर गए। और हादसे में पीड़ित परिवार से मिलने के बाद वहां से सीधे सीएम योगी गुरु गोरक्षनाथ का आशीर्वाद लेने गोरखनाथ मंदिर पहुंचे।


गोरखनाथ मंदिर में पहुंचने के बाद सीएम योगी ने सबसे पहले गुरु गोरक्षनाथ की पूजा की और उनका आशीर्वाद लिया। इसके बाद उन्होंने अपने गुरु बर्म्ह्लीन महंत अवैधनाथ की समाधि पर मत्था टेका और उनका आशीर्वाद लिया।


वहीं रविवार की शाम सीएम योगी ने 6 बजे से मां गौरी और भगवान गणेश की पूजा की। 

सीएम योगी यहां वरुण पूजन, पीठ पूजन, भगवान राम, लक्ष्मण, सीता का षोडसोपचार पूजन, भगवान कृष्ण और गोमाता का पूजन, यंत्र पूजन, स्थापित मां दुर्गा की विधिवत पूजा, द्वादस ज्योर्तिंलिंग, अर्धनारीश्वर, नवग्रह पूजन, विल्व अधिष्ठात्री देवता का पूजन, शस्त्र पूजन, शिव-शक्ति पूजन, वटुक भैरव, काल भैरव, त्रिशूल पर्वत पूजन किया।