Uttar Pradesh News
'सरकार जोमैटो नहीं चला रही, अपनी राहत सामग्री ले जाएं'- अम्बेडकर नगर में बाढ़ पीड़ितों से बोले DM
एजेंसी डेस्क : अम्बेडकर नगर (उत्तर प्रदेश): ऐसे समय में जब उत्तर प्रदेश बाढ़ की स्थिति से जूझ रहा है, स्थानीय लोगों के साथ अंबेडकर नगर के जिलाधिकारी (डीएम) का वीडियो वायरल हुआ, जहां अधिकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि सरकार डोर-टू-डोर सेवा या बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को राहत सामग्री प्रदान करने के लिए के लिए 'ज़ोमैटो' नहीं चला रही है.
डीएम अम्बेडकर नगर में बाढ़ प्रभावित लोगों से अपनी राहत सामग्री ले जाने के लिए कह रहे थे. उन्होंने कहा, ‘… अगर आपको जरूरत हो, तो आपको क्लोरीन की गोलियां उपलब्ध कराई जाएंगी, और अगर कोई बीमार हो तो डॉक्टर देखने आएगा, यही कारण है कि बाढ़ चौकियां (बाध चौकी) स्थापित की जाती हैं. हम कोई जोमैटो सेवा नहीं चला रहे हैं, सरकार जोमैटो नहीं चला रही है.’
ज़ोमैटो एक भारतीय खाद्य वितरण कंपनी है जो डोर-टू-डोर भोजन सेवा प्रदान करती है.
यहां लोगों से बात करते हुए उन्होंने लोगों से अपना समय निर्धारित करने के लिए कहा, जिसके अनुसार भोजन तैयार किया जा सके.
उन्होंने उन लोगों का जिक्र करते हुए कहा जिनका नाम सूची में नहीं है, ‘सबसे पहले आप लोग बाढ़ की स्थिति में चौकी पर आने की तैयारी करें, तब जितने लोग सुबह पहुंचेंगे, तो उतने लोगों के लिए शाम का भोजन तैयार किया जाएगा.’
यह बात ऐसे समय में सामने आई है जब यहां के स्थानीय लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है.
एक महीने पहले लगभग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुआनो नदी, चंद्रदीप घाट पर जलस्तर बढ़ने को लेकर 18 सितम्बर को प्रशासन को अलर्ट पर रहने को कहा था.
इस हफ्ते की शुरुआत में योगी आदित्यनाथ द्वारा एक हाई लेवल बैठक के दौरान भारी बारिश से प्रभावित सभी जिलों में राहत एवं पुनर्वास कार्य में तेजी लाने के निर्देश जारी किए गए थे.
सीएम योगी ने ज्वाइंट मजिस्ट्रट स्तर के अधिकारियों के तहत जिला कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे चालू रखने को कहा था.
बाढ़ के खतरे को देखते हुए योगी ने गोंडा, बस्ती, अम्बेडकर नगर, संत कबीर, गोरखपुर, आजमगढ़, देविरया, मऊ, बलिया और अयोध्या के अधिकारियों को अलर्ट पर रहने को कहा था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आम लोगों को तत्काल सहायता प्रदान की जानी चाहिए. राहत पैकेटों के वितरण में कोई देरी नहीं होनी चाहिए. राहत शिविरों में रोशनी आदि की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए.’
विशेष रूप से, चंद्रदीप घाट पर नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है, इसलिए गांवों और शहरों में लोगों को राहत के लिए इन जिलों के जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को सुरक्षा, बचाव और बचाव के लिए उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.