एजेंसी डेस्क : वाराणसी देश की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर जानी जाती है. काशी में दीवाली के बाद होने वाली देव दीपावली का अलग महत्व है. इस बार ये त्योहार आज यानी 7 नवंबर को मनाया जा रहा है.देव दीपावली के दिन काशी के घाटों और पूर् शहर की अलग छटा देखने को मिलती है. काशी में देव दीपावली का अलग उत्साह देखने को मिलता है. यही कारण है कि देश ही नही विदेशों से भी पर्यटक आते हैं. इस बार देव दीपावली 2 साल बाद के अंतराल के बाद पूरी क्षमता के साथ मनाया जाने जा रहा है.
माना जा रहा है कि इस बार देव दीपावली के अवसर पर काशी के सभी 84 घाटों करीब 10 लाख दीयों को जलाने का लक्ष्य रखा गया है. इसको लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है.आज शाम काशी एक नया इतिहास लिखने जा रही है.काशी की देव दीपावली पूरी दुनिया में विख्यात है. कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाये जाने वाले इस महा उत्सव के दौरान बनारस के सभी घाटों को लाखों दीयों से रौशन किया जाता है, जिसे देखने देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक वाराणसी पहुंचते हैं.
आपको बतादें कि काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण के बाद ये पहली बार है जब काशी में देव दीपापली हो रही है. वही पिछले दो सालों में कोरोना सीमित संख्या के साथ लोगो को आने की अनुमति थी. वही इस विशेष अवसर पर काशी विश्वनाथ धाम को फूलों और माला से सजाने की तैयारी है.
काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद वाराणसी में पर्यटकों में भारी इजाफा देखने को मिला है. इसको देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल लाखों श्रद्धालुओँ की भीड़ घाटों पर उमड सकता है.
गौरतलब है कि सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि इस बार देव दीवाली देश ही नही विश्व में भी चर्चा का विषय बने जिसके लिए सीएम खुद इसकी तैयारियों पर नजर रख रहें है.
कल सीएम ने वाराणसी आकर तैयारियों की समीक्षा की थी.वही आज देव दीवाली को लेकर काशी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है.
मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा का कहना है कि देव दीपावली पर काशी में लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं, जोकि दर्शन-पूजन के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर भी जाते हैं.ऐसे में मंदिर आने वाले पर्यटकों को नया अनुभव मिले, इसके लिए धाम परिसर की भव्य सजावट की जाएगी.