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सात फेरों से पहले 13 दारोगा और 59 पुलिसकर्मियों ने संभाली पोजीशन, दूल्हे के आने से पहले छावनी बना दुल्हन का गांव,,,।

सात फेरों से पहले 13 दारोगा और 59 पुलिसकर्मियों ने संभाली पोजीशन, दूल्हे के आने से पहले छावनी बना दुल्हन का गांव,,,।



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एजेंसी डेस्क : संभल (ब्यूरो), जिले में सात फेरों से पहले भारी तादात में लड़की पक्ष के गांव में पुलिस फोर्स पहुंच गई। 13 दारोगा और 59 पुलिसकर्मियों की टीम ने अपनी-अपनी पोजीशन ली। देखते ही देखते पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया।दूल्हा जब बारात लेकर पहुंचा तो सन्न रह गया। 

दरअसल जुनावई थाना क्षेत्र के गांव लोहामई में यादव बिरादरी के लोगों द्वारा वाल्मीकि समाज की बेटी की बारात आने से रोकने की आशंका थी, जिसके चलते शुक्रवार दोपहर से ही गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया। दस प्वाइंट पर पुलिस तैनाती के साथ ही बारात के आगे-पीछे और दाएं-बाएं पुलिस बल तैनात रहा। ऐसे में वाल्मीकि समाज की बेटी के घर बारात गाजे-बाजे के साथ देर रात पहुंची।

थाना क्षेत्र के गांव लोहामई निवासी राजू वाल्मीकि की बेटी रवीना की बारात शुक्रवार शाम बदायूं जिले में इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गांव पतीसा से पहुंची। यादव बिरादरी के लोगों द्वारा गांव में बारात नहीं आने देने की आशंका के चलते दोपहर से ही पुलिस मुस्तैद कर दी गई थी। देर शाम दूल्हा रामकिशन परिजनों और रिश्तेदारों के साथ बारात लेकर पहुंचा। देर शाम बारात चढ़त की रस्म भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में शुरू की गई। 

गांव में दस पुलिस डयूटी प्वाइंट बनाए गए। सभी प्वाइंटों पर एक दरोगा के साथ पुलिसकर्मी और महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। इसके अलावा पुलिस की एक-एक टीम बारात के आगे और पीछे और एक-एक टीम बारात के दाएं और बाएं मुस्तैद की गई थी। देर रात बारात संपन्न होने तक पुलिस फोर्स गांव में मुस्तैद रहा। 

जुनावई क्षेत्र के गांव लोहामई में यादव बिरादरी के लोगों द्वारा बारात आने का विरोध किए जाने की आशंका के चलते दोपहर 12 बजे ही गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया। थानाध्यक्ष पुष्कर मेहरा के साथ 13 दरोगा, एक महिला दरोगा, 33 कांस्टेबल और 11 महिला कांस्टेबल बारात संपन्न होने तक मुस्तैद रहे। 

थानाध्यक्ष पुष्कर मेहरा ने वाल्मीकि बेटी की शादी में 11 हजार का नेग देकर उसे आर्शीवाद दिया।

गांव में नहीं चढ़ने दी जाती थीं वाल्मीकि समाज की बारात,,,,,

गांव लोहामई निवासी महेंद्र वाल्मीकि की बेटी रजनी की 7 मई 2021 को गांव रामनगर टप्पा वैश्य से बारात आई थी। गांव में यादव बिरादरी के लोगों ने बारात नहीं आने दी थी। उसके बाद 5 मई वर्ष 2022 को महेंद्र वाल्मीकि की छोटी बेटी बबीता की बहजोई क्षेत्र के गांव चौपा से बारात गई थी। इस बार भी यादव बिरादरी के लोगों ने बारात आने से रोक दी थी। 

बारात आने से रोक देने की सूचना पर थाना पुलिस मौके पर पहुंची थी और देर रात पुलिस फोर्स की मौजूदगी में बारात द्वार पूजा की रस्म पूरी की गई थी। इस बार भी वाल्मीकि समाज के लोगों को अंदेशा था कि यादव बिरादरी के लोग उनकी बेटी की बारात गांव में नहीं आने देंगे। इस बार पुलिस की सख्ती से बारात शान,से आई और शादी की सभी रस्म,रिवाजों को पूरा कर दुल्हन संग बारात विदा हुई।