Headlines
Loading...
बदायू की गलियों में गंदे कपड़े पहनकर घूमने वाला शख्स कोई भिखारी नहीं था, 13 साल बाद खुला राज तो सब चौंके।

बदायू की गलियों में गंदे कपड़े पहनकर घूमने वाला शख्स कोई भिखारी नहीं था, 13 साल बाद खुला राज तो सब चौंके।



Published from Blogger Prime Android App

एजेंसी डेस्क : (ब्यूरो), बदायूं की गलियों में गंदे कपड़े और सिर पर बड़े बड़े बाल, बिना नहाए ऐसे ही घूमने वाला शख्स कोई भिखारी नहीं, बल्कि सरकारी नौकरनी करने वाला व्यक्ति निकला।पिछले 13 साल से वह ऐसे ही घूम रहा था। अब जाकर पता चला कि वह मानसिक मंदित है रोडवेज विभाग का इलेक्ट्रिशियन था।

हकीकत सामने आने के बाद सभी दंग,,,,,

उसकी हकीकत सामने आने के बाद हर कोई दंग रह गया। मानसिक रूप से कमजोर होने की वजह से एक बार भटकने के बाद वह घर तक न पहुंच सका। लेकिन, बीती रात कुछ ऐसा हुआ कि वर्षों से बिछड़ा मानसिक मंदित अपनों तक पहुंच गया। यह देख उसके अपने भी अचंभित थे और वह तो कुछ समझ ही नहीं पा रहा था। 

पूछने पर कुछ नहीं बता पा रहा,,,,

दरअसल, बीती शाम हजरतपुर थाना प्रभारी निरीक्षक राजकुमार तिवारी पुलिस बल के साथ गश्त पर थे। इसी दौरान उन्हें रास्ते में एक व्यक्ति दिखाई दिया, जिसके लंबे-लंबे बाल, गंदे कपड़े और पता नहीं कबसे वह नहाया नहीं था। उससे नाम पता पूछने वह कुछ नहीं बता सका। खाने को मांग रहा था।

पुलिस ने नहलाया, बाल-दाड़ी कटवाई,,,,,

आसपास पता करने पर बताया गया कि वह वर्षों से इसी तरह सड़क पर घूमता रहता है मांग कर गुजारा करता है। इस पर प्रभारी निरीक्षक राजकुमार तिवारी उसे गाड़ी में बैठाकर थाने ले आए। जहां उपनिरीक्षक प्रणव कुमार, आरक्षी कपिल व सोनू की मदद से उसके बाल और दाड़ी कटवाई गई। उसे नहलाया गया और नए कपड़े पहनने को दिए गए।

बरेली का रहने वाला निकला,,,,,

इसके बाद उसके स्वजन की तलाश शुरू की गई। शुरुआत में वह कुछ खास नहीं बता सका। लेकिन धीरे धीरे उसने अपना पता और नाम बताया। जानकारी की गई तो सब कुछ सामने आ गया। उसका नाम बिजेंद्र दीक्षित है और वह बरेली के थाना भमोरा के गांव डपटा श्यामपुर निवासी ब्रह्मानंद दीक्षित का बेटा है।

परिवार बरेली के सुभाष नगर में रहता था,,,,, 

उसका परिवार इस समय सुभाष नगर के तिलक कालोनी में रहता है। जानकारी करने पर पता चला कि बिजेंद्र दीक्षित रोडवेज में इलेक्ट्रिशियन के पद पर तैनात था। करीब 13 साल पहले वह घर से लापता हो गया था। इसके बाद स्वजन ने उसे काफी तलाशा, लेकिन बाद में वह उसके मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे।

परिवार वाले पहुंचे और पहचान की,,,,,

जानकारी होने पर स्वजन सुबह थाने पहुंचे। जहां बिजेंद्र के छोटे भाई बृजेश दीक्षित ने उसे पहचाना और गले लगाया। परिवार के अन्य सदस्य भी बिजेंद्र को देखकर खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। 

उन सभी लोगों ने हजरतपुर प्रभारी निरीक्षक राजकुमार तिवारी व उनकी टीम को धन्यवाद दिया और बिजेंद्र को अपने साथ ले गए। साथ ही यूपी पुलिस की अच्छी छवि को अपने साथ संजो कर ले गए।