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वाराणसी में तमिल समागम में आ सकते हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, 17 नवंबर से एक माह तक चलेगा विविध कार्यक्रम
एजेंसी डेस्क : वाराणसी : 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के तहत काशी में तमिल समागम का शुभारंभ 17 नवंबर से होगा। एक माह तक चलने वाले इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन की संभावना है।इससे पूर्व चार नवंबर को केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान काशी हिंदू विश्वविद्यालय में तमिल समागम की अब तक की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने कमिश्नरी सभागार में तैयारियों की समीक्षा बैठक के दौरान इसके संकेत दिए और अधिकारियों को इसकी तैयारी में अभी से जुटने का भी निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री की एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु प्रदेश के बीच सांस्कृतिक, धार्मिक, औद्योगिक, खानपान, शिक्षा, मेडिकल, कृषि सहित अन्य सभी क्षेत्रों की संस्कृति व सभ्यता का आदान-प्रदान के दृष्टिगत इस कार्यक्रम का आयोजन यहां हो रहा है। एक माह तक चलने वाले तमिलनाडू समागम के लिए भारत सरकार के एजुकेशन डिपार्टमेंट नोडल है।
पिछले दिनों एडीशनल सेक्रेटरी विनीत जोशी, ज्वाइंट सेक्रेटरी एजुकेशन नीता प्रसाद ने कमिश्नर समेत अन्य गणमान्य लोगों के साथ बैठक कर रुपरेखा तय की थी।
जिले में बीएचयू को नोडल डिपार्टमेंट घोषित किया गया है। समागम में आईआरसीटीसी की ओर से तमिलनाडु से दो-ढाई सौ के ग्रुप में दो-दो दिन के अंतराल पर वहां के हर वर्ग के लोगों को काशी लाया जाएगा। इसमें धार्मिक परंपरा व मान्यताओं, संगीत कला परंपरा व संस्कृति, छात्र व शिक्षक, लेक्चरर ग्रुप, स्पीरिचुअल ग्रुप, ओडीओपी के तहत विभिन्न उत्पादों हैंडलूम तथा हैंडीक्राफ्ट के कारीगर, किसान, उद्योग एवं व्यापार के तहत व्यापारियों का ग्रुप, धरोहरों से जुड़े लोग यहां आएंगे।
शिक्षा संबंधित कार्यक्रम बीएचयू में, कल्चरल प्रोग्राम मुरारका अस्सी में, डाक्टर्स के कार्यक्रम आईएमए में होंगे। आर्टिजन व वीवर्स के कार्यक्रम टीएफसी में होंगे।
तमिलनाडु और काशी के संबंध को और मजबूत करने के लिए दोनों स्थानों के खानपान, लोक कला व संस्कृति कार्यक्रमों का आयोजन भी एक साथ यहां होंगे। तमिलनाडु से आने वालों को पहले दिन श्रीकाशी विश्वनाथधााम के संग काशी दर्शन कराया जाएगा। बैठक में पुलिस कमिश्नर ए, सतीश गणेश समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।