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पुलिस झंडा दिवस: हर साल 23 नवंबर को क्यों मनाया जाता है ये दिन, पुलिस आयुक्त ने फ्लैग का महत्व भी बताया।
एजेंसी डेस्क : (ब्यूरो), वाराणसी,पुलिस झंडा दिवस बुधवार को पुलिस लाइन में मनाया गया। एडीजी जोन, कमिश्नरेट पुलिस लाइन और आईजी रेंज कार्यालय, पीएसी में ध्वजारोहण किया गया। अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन रामकुमार ने अपने कार्यालय में ध्वजारोहण कर सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कर्तव्य के प्रति सचेत और कर्तव्यनिष्ठ रहने के लिए निर्देशित किया।
इस दौरान पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान के प्रेषित संदेश को पढ़कर सुनाया। उधर, कमिश्नरेट पुलिस लाइन में पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने अपने अधीनस्थ को फ्लैग लगाया और इसके महत्त्व को पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों से साझा किया। आईजी रेंज के. सत्यनारायण ने ध्वजारोहण किया।
34वीं वाहिनी पीएसी भुल्लनपुर और 36वीं वाहिनी पीएसी रामनगर में पुलिस झंडा दिवस मनाया गया। 36वीं वाहिनी रामनगर के क्वार्टर गार्द' पर पुलिस झंडा दिवस के अवसर पर सेनानायक अनिल कुमार पांडेय ने पुलिस झंडे को सम्मान पूर्वक सलामी दी।
34वीं वाहिनी पीएसी के 'क्वार्टर गार्द' पर पुलिस झंडा दिवस के अवसर पर उपसेनानायक विनोद कुमार ने पुलिस झंडे को सम्मान पूर्वक सलामी दी।
इस अवसर पर सहायक सेनानायक नरेश सिंह यादव, सैन्य सहायक शिवनारायण, शिविर पाल देव पाल, सूबेदार मेजर विन्ध्यवासिनी पांडेय व वाहिनी के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
प्रतिवर्ष 23 नवंबर को यूपी में पुलिस झंडा दिवस मनाया जाता है। यूपी पुलिस प्रथम राज्य पुलिस बल है, जिसे उसके अप्रतिम योगदान के फलस्वरूप 23 नवम्बर, 1952 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री द्वारा पुलिस ध्वज प्रदान किया गया।
आज ही के दिन पीएसी बल को भी ध्वज मिला था। 23 नवंबर 1952 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने उत्तर प्रदेश पुलिस को पुलिस कलर व ध्वज प्रदान किया था। ध्वज का आकार चार फीट लंबा व तीन फीट चौड़ा, ध्वज में दो रंग है। इसमें ऊपर लाल रंग व नीचे नीला रंग है। इसी दिन पीएसी बल को भी ध्वज प्रदान किया गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में 23 नवंबर का दिन विशेष महत्व रखता है।