UP news
वाराणसी में डेंगू को समाप्त करने के लिए शहर में 42 और ग्रामीण क्षेत्रों में 68 टीमों को उतारा जाएगा।
एजेंसी डेस्क : वाराणसी, डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को 110 सर्विलांस टीमों का गठन कर दिया। इसमें शहर के लिए 42 और ग्रामीण के लिए 68 टीमें हैं।यह टीमें डेंगू प्रभावित क्षेत्रों (हाट स्पाट) में घर-घर जाकर लार्वा स्रोत विनष्टीकरण का कार्य करेंगी। जिन घरों में मच्छरों का लार्वा पाया जाएगा वहां विनष्टीकरण के साथ-साथ जागरूक किया जाएगा।
वहीं कई दिनों से घरों या आसपास पानी जमा में मच्छरों का लार्वा पाया जाता है और उसका निस्तारण नहीं किया गया हो तो ऐसी स्थिति में घर के मुखिया के खिलाफ नोटिस जारी किया जाएगा। क्योंकि अधिक दिनों से जमा पानी डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि मच्छर जनित बीमारियों को बुलावा देती हैं।
सीएमओ संदीप चौधरी ने लोगो से अपील की है कि, घर या आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें, साफ-सफाई और स्वच्छता का खास ख्याल रखें। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया सहित वायरल फीवर से बचाव के लिए सभी सावधानियों का विशेष ध्यान रखें।
जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडेय ने बताया कि इस साल अब तक 280 मरीज पाए जा चुके हैं। इसमें शहर में 208 और ग्रामीण में 72 मरीज शामिल हैं। यह सभी मरीज स्वस्थ और सामान्य स्थिति में हैं।
फोन पर लीजिए डेंगू व वायरल फीवर से संबंधित परामर्श,,,,,
डेंगू व वायरल फीवर संबंधित परामर्श अब आनलाइन भी लिया जा सकेगा। जिला प्रशासन की पहल पर काशी इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर (केआइसीसीसी) की ओर से बुधवार को हेल्पलाइन नंबर 0542-2720005 जारी किया गया है।
सीएमओ डा. संदीप चौधरी ने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय पांडेयपुर के नंबर 8700481231,
एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय के नंबर 7460850285 व आइएमएस बीएचयू के टेली मेडिसिन सेवा नंबर 0542-2368029 पर संपर्क किया जा सकता है।
आशा रखेंगी लक्षण वालों पर नजर, इलाज के लिए भेजेंगी स्वास्थ्य केंद्र,,,,,
सीएमओ संदीप चौधरी ने आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि, डेंगू के संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों को चिह्वित कर जांच, उपचार व परामर्श के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर भेजना सुनिश्चित करें। समुदाय को डेंगू के लक्षण, कारण, उपचार, बचाव आदि की जानकारी दें। स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी व चिकित्साधिकारी डेंगू के संभावित लक्षण पर सभी व्यक्तियों की तत्काल प्रभाव से जांच कराएं और उपचार शुरू कराएं। गांव से लेकर शहर तक सभी केंद्रों पर निश्शुल्क जांच-उपचार व्यवस्था है।