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BHU अस्पताल: तीन पैर वाली बच्ची की 4 माह बाद होगी तीसरी सर्जरी, डॉक्टर बनाएंगे मलद्वार के लिए रास्ता।
एजेंसी डेस्क : तीन पैरों के साथ जन्मी बच्ची की एक बार फिर से सर्जरी होगी। आईएमएस बीएचयू के बाल शल्य विभाग के चिकित्सकों ने शुरू कर दी है। अब तक दो बार की सर्जरी में उसके शरीर में ओवरी और यूरिन का रास्ता सही किया गया।अब चार माह बाद तीसरी सर्जरी में मलद्वार के बनाया जाएगा।
बीएचयू में इस तरह की जटिल सर्जरी पहली बार हुई है। पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रो.एसपी शर्मा के मुताबिक गाजीपुर जिले के टायरा निवासी विवेक आनंद की बेटी तीन पैरों के साथ पैदा हुई थी। जब पहली सर्जरी हुई थी, तब वो केवल पांच दिन की ही थी। शरीर में दो ओवरी होने के साथ ही यूरिन के भी दो रास्ते से जबकि टॉयलेट करने का कोई रास्ता नहीं बना था।
पहले तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था। पहली सर्जरी के बाद दूसरी सर्जरी में भी बहुत हद तक सफलता मिली है। सर्जरी करके यूरिन का रास्ता बनाया गया। आमतौर पर वैश्विक स्तर पर एक करोड़ में 10 बच्चों में इस तरह की समस्या होती है। टीम में डॉक्टर कनिका शर्मा,डॉक्टर सुनील, डॉक्टर सरिता चौधरी आदि लोग शामिल रहे।
पहली सर्जरी में काटा गया था तीसरा पैरआईएमएस बीएचयू के प्रोफेसर एसपी शर्मा ने बताया कि पहली बार जब बच्चे की सर्जरी हुई थी तब 5 दिन की ही थी। पहली सर्जरी में उसका तीसरा पैर काटकर अलग कर दिया गया था। पेट के पास से ही मल निकलने का रास्ता बनाया गया था।
उन्होंने बताया कि दूसरी सर्जरी में गर्भाशय, मूत्राशय के साथ ही अन्य अंगों को सही प्रकार से बनाया गया। चार महीने बाद तीसरी सर्जरी करके उसका गुदाद्वार बनाया जाएगा। उसके बाद किसी तरीके की कोई परेशानी नहीं होगी। जब भी किसी बच्चे के तीन पैर होते हैं तो वह पैरासिटिक ट्विन होता है और उसे कई दूसरे अंगों का विकास नहीं हो पाता है।