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बनारस में सिग्नेचर ब्रिज का डीपीआर दिसंबर तक होगा ।

बनारस में सिग्नेचर ब्रिज का डीपीआर दिसंबर तक होगा ।



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एजेंसी डेस्क : देश-दुनिया के विभिन्न शहरों से आने वाले सैलानियों की बनारस से कोलकाता वाया पीडीडीयू नगर की यात्रा को सुगम करने के लिए नमो घाट के पास डबल डेकर सिग्नेचर ब्रिज बनाया जाएगा . राजघाट से पड़ाव को जोडऩे वाले मालवीय पुल की करीब 10 साल पहले ही मियाद पूरी हो चुकी है . 

इसलिए इसके समानांतर सिग्नेचर पुल गंगा के 30 मीटर डाउन स्ट्रीम से शुरू होकर पड़ाव तक पहुंचेगा . इसे जल्द से जल्द मूर्तरूप देने के लिए रेलवे विभाग जुट गया है . दिसंबर में ब्रिज का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट ( डीपीआर ) तैयार हो जाएगा . 

इसके अलावा एक हफ्ते के अंदर रेलवे मंत्रालय से सिग्नेचर ब्रिज के लिए जीएडी ( जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग ) को स्वीकृति मिल जाएगी . इसके पहले इनलैंड वाटर वेज अथॉरिटी आफ इंडिया से एनओसी भी मिल चुका है .

नीचे वाले तल पर होगा रेलवे ट्रैक

ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित हो रहे वाराणसी से पीडीडीयू जंक्शन को जोडऩे के लिए काशी स्टेशन के पास से नया रास्ता बनाने की योजना है. आदिकेशव घाट और नमो घाट के बीच से दो मंजिला पुल बनाने की योजना है. इसमें नीचे वाले तल को रेलवे रूट के लिए तैयार किया जाएगा. ऊपर सड़क मार्ग से वाहन गुजरेंगे. कुल चार टै्रक विकसित करने की योजना है. शुरुआत में दो ही टै्रक तैयार होगी.

तीन फेज में होगा काम,,,,,

सिग्नेचर ब्रिज का काम तीन फेज में पूरा कराया जाएगा. इसमें पहले फेज में व्यासनगर- काशी स्टेशन की यार्ड रिमाडलिंग होगी. 

इसके बाद दूसरे फेज में पीडीडीयू नगर-व्यासनगर आरओबी (डीएफसीसीआईएल) का निर्माण होगा. 

इसके बाद तीसरे फेज में वाराणसी-काशी-व्यासनगर रेलखंड पर तीसरी और चौथी लाइन बिछाई जाएगी. 

उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के डीआरएम के निर्देशन में डीपीआर बनाए जाने की दिशा में काम भी जल्द ही शुरू हो जाएगा.

मालवीय पुल पर भी दौड़ेंगे वाहन

सवा सौ साल से ज्यादा पुराने राजघाट से पड़ाव के बीच बने मालवीय पुल (डफरिन ब्रिज) के समानांतर बन रहे सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण के बाद भी राजघाट पुल पर वाहनों का आवागमन होता रहेगा. इसके साथ ही डाट पुल को चौड़ा करने की योजना है. ताकि वाराणसी से आने वाले रास्ते को सिक्सलेन तक विस्तार दिया जा सके.

काशी स्टेशन होगा देश का पहला इंटर मॉडल स्टेशन,,,,,

वाराणसी से भदऊं चुंगी रोड को रिंग सर्किल में दो तरफ से इस पुल से जोड़ा जाएगा. सिग्नेचर पुल और सर्किल रोड की इस परियोजना पर करीब 100 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है. 

देश के पहले इंटर मॉडल स्टेशन के रूप में प्रस्तावित काशी स्टेशन को विकसित करने की योजना है और इसकी कवायद सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से की जा रही है. इस परियोजना को धरातल पर उतारने से पहले सिग्नेचर ब्रिज से बिहार व पीडीडीयू नगर सहित अन्य शहरों से कनेक्टिविटी मजबूत हो जाएगी.

गौरव दीक्षित, डॉयरेक्टर, कैंट स्टेशन ने मीडिया को बताया की

वाराणसी से पीडीडीयू जंक्शन को जोडऩे के लिए आदिकेशव घाट के पास प्रस्तावित सिग्नेचर ब्रिज का डीपीआर दिसंबर तक तैयार कर लिया जाएगा. 

रेलवे मंत्रालय से जीएडी (जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग) को स्वीकृति मिलने वाली है.