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भक्ति धाम में लगा रहता है भक्तों का तांता, ये हैं प्रतापगढ़ के खास टूरिस्ट प्लेस।
एजेंसी डेस्क : जिला ब्यूरो, (आदित्य केसरी), उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में से एक प्रतापगढ़ है। लखनऊ से इस जिले की दूरी करीब 170 किलोमीटर है। यह प्रयागराज से सटा हुआ है। यहां की प्रमुख नदियां गंगा, साईं और बकुलही हैं। घूमने के लिहाज से ये स्थान काफी फेमस है।अगर प्रयागराज आप घूमने के लिए आ रहे हैं तो प्रतापगढ़ जाना न भूलें। यहां का भक्ति धाम मंदिर से लेकर शहीद उद्यान पार्क बेहद खास है। आज की स्टोरी में हम आपको प्रतापगढ़ के खास पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं।
शनिदेव का प्रसिद्ध मंदिर,,,,,
प्रतापगढ़ के विश्वनाथगंज बाजार से दो किलोमीटर दूर स्थित भगवान शनि देव का मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 1985 में परमा महाराज ने कराया था। बकुलाही नदी के किनारे स्थित होने के कारण ये मंदिर बेहद खास है। शनिवार के दिन इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगती है।
श्री कृष्ण और राधा रानी मंदिर,,,,,
प्रतापगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक भक्ति धाम है। ये मंदिर कुंडा तहसील में स्थित है। ये मंदिर राधारानी और भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। मंदिर की बनावट काफी आकर्षित करती है। मंदिर के कोने-कोने में राधे-राधे की गूंज सुनाई पड़ती है। रंग-बिरंगी लाइटों की वजह से ये मंदिर रात के समय बेहद खूबसूरत लगता है। कृष्णजन्माष्टमी के समय इस मंदिर में कृष्णभक्तों का तांता लगा रहता है।
बेल्हा देवी का मंदिर,,,,,
साईं नदी के किनारे स्थित बेल्हा देवी का मंदिर बेहद खास है। मंदिर के पास घाट भी बने हैं जहां लोग स्नान करने आते हैं। मंदिर का गर्भगृह चांदी से बना हुआ है।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक देवी सती का कमर वाला हिस्सा यहां गिरा था। जिस कारण इस मंदिर का नाम बेल्हा पड़ गया। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम वनवास जाते समय इस नदी में देवी के दर्शन किए थे।
घुस्मेश्वर नाथ धाम मंदिर,,,,,
भगवान शिव को समर्पित बाबा घुइसरनाथ धाम प्रसिद्ध स्थलों में से एक है। साईं नदी के किनारे बना हुआ ये मंदिर बेहद खास है। महाशिवारात्रि के दिन यह मंदिर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहता है। इस मंदिर को बाबा घुइसरनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है।
बाबा भयहरण नाथ धाम,,,,,
भगवान शिव को समर्पित जिले का दूसरा मंदिर बाबा भयहरण नाथ धाम है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस मंदिर की स्थापना पांडवों ने की थी। ये मंदिर बकुलाही मंदिर के किनारे स्थित है। जिला मुख्यालय से इसकी दूरी करीब 30 किलोमीटर है।