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उत्तर वाहिनी गंगा के तट पर तीन दिवसीय गंगा महोत्सव का भव्य आगाज, (ए,के,केसरी)।

उत्तर वाहिनी गंगा के तट पर तीन दिवसीय गंगा महोत्सव का भव्य आगाज, (ए,के,केसरी)।



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एजेंसी डेस्क : उत्तर वाहिनी गंगा के तट पर तीन दिवसीय गंगा महोत्सव का शनिवार शाम से भव्य आगाज हुआ। पहली निशा में शास्त्रीय नृत्य व गायन की प्रस्तुति हुई।प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र 'दयालु' व स्टाम्प मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर विधिवत महोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर काज़िस्तान से आयी विशेष अतिथि एगेरिम सानबायेवा और असेम उकिशेवा भी उपस्थित रही। 

इस अवसर पर मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने कहा कि पवित्र नदी गंगा के तट पर अति सौंदर्य एवं मनोरम माहौल का वाद्य-वृंद रचनाओं के साथ मिश्रण एक ऐसा अनूठा अनुभव है, जो शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। इस उत्सव में शास्त्रीय संगीत के दिग्गजों द्वारा जो संगीतमय माहौल उत्पन्न होता है उसका अद्भुत अनुभव भी अविस्मरणीय है। बतौर मुख्य अतिथि आयुष मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र 'दयालु' ने कहा कि शिव की जटा से निकलकर गंगा काशी में ही आकर शिव से मिलती है, यह अद्भुत एवं अविस्मरणीय है। उन्होंने गंगा महोत्सव मंच की तारीफ करते हुए कहा कि यह काशी के उभरते हुए कलाकारों के लिए बहुत बड़ा मंच है। जिस पर अपनी प्रतिभा को बिखेरने के लिए कलाकार उत्साहित रहते हैं। काशी संगीत का बहुत बड़ा घराना है। संगीत के बड़े-बड़े कलाकार भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान, किशन महाराज, बिरजू महाराज सरीखे लोग काशी से ही रहे।

महोत्सव की शुरुआत जन्म-जन्म योगी के शंख नाद से हुआ। तत्पश्चात दुर्गा प्रसाद प्रसन्ना शहनाई वादन, रुचि मिश्रा कथक नृत्य, सम्यक पराशरी बांसुरी वादन, राजीव कुमार मलिक शास्त्रीय गायक, विशाल कृष्णा कथक नृत्य, राहुल रोहित मिश्रा शास्त्रीय गायन तथा कृष्णाक्षी कश्यप (आसाम) ने सतरिया नृत्य चलो प्रस्तुत किया।