वास्तु टिप्स
मंदिर वास्तु टिप्स : मंदिर से लौटते समय साथ नहीं लाना चाहिए खाली लोटा, घर पर पड़ता है बुरा प्रभाव।
एजेंसी वास्तु डेस्क : अक्सर लोग घर में पूजा करने के बाद कई बार मंदिर में भी पूजा करने जाते हैं. कहते हैं कि मंदिर में जाते समय घर से जल का लोटा साथ लेकर जाना चाहिए.लेकिन वापस आते समय कुछ लोग खाली लोटा साथ ले आते हैं जिसे अशुभ माना गया है।
पूजा-पाठ के नियमों में जल के लोटे का विशेष महत्व और खास नियम है. इससे जुड़े नियम को कभी अनदेखा नहीं करना चाहिए. क्योंकि एक छोटी सी गलती की भरपाई आपको पूरी जिंदगी करनी पड़ सकती है. ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि लोटे में जल भर कर ले जाने और ले आने के कौन से नियम है जिनको मानना बेहद जरूरी है।
जल का लोटे से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें,,,,,
जब भी मंदिर में पूजा करने जा रहे हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जल से भरा हुआ लोटा अपने साथ जरूर लेकर जाएं. लेकिन केवल जल नहीं, बल्कि उसमें कुछ दाने चावल के भी डालने चाहिए जो कि खंडित यानि टूटे हुए न हों. इसके अलावा चीनी के कुछ दाने भी जल के लोटे में डालना शुभ होता है. मंदिर में जाकर वह जल भगवान शिव को अर्पित करें, साथ ही मंदिर में मौजूद पीपल के पेड़ को भी जल अर्पित करना चाहिए।
खाली लोटा वापस घर न लाएं,,,,,
धार्मिक मान्यताओं व वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी मंदिर में जल अर्पित करने के बाद खाली लोटा घर लेकर नहीं आना चाहिए. ऐसा करने से घर में नकारात्मकता आती है और वृद्धि रूक जाती है. इसलिए जल अर्पित करते समय थोड़ा सा जल लोटे में अवश्य बचा लें. यदि भूल से सारा जल अर्पित कर दिया है तो मंदिर में मौजूद नल से लोटे में थोड़ा सा जल जरूर भर लें. इसके बाद वापस आकर घर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ जल बिखेरें. फिर पूरे घर में उस जल की छीटें मारें।
वास्तु टिप्स के अनुसार ऐसा करने से घर में सकारात्मकता आती है और सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं. वास्तु के अनुसार जो व्यक्ति जल के लोटे से जुड़े इस नियम का पालन नहीं करता, उसे आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. केसरी न्यूज़ नेटवर्क, इसकी पुष्टि नहीं करता. इन्हें अपनाने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।